दूरस्थ अंचल तक पहुँचा अन्न का अधिकार
रायपुर, जनजातीय बाहुल्य एवं अनुसूचित जिला कोरबा के दुर्गम और दूरस्थ अंचलों में निवासरत ग्रामीणों तक शासन की योजनाओं का लाभ सुलभ कराना जिला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसी संकल्प को साकार करने की दिशा में हाल ही में एक ऐसी पहल की गई, जिसने ग्राम कदमझरिया के पहाड़ी कोरवा जनजातीय परिवारों के जीवन में राहत और भरोसे की नई किरण जगाई है।
ग्राम पंचायत गढ़उपरोड़ा के आश्रित ग्राम कदमझरिया में रहने वाले लगभग 35 राशनकार्डधारी परिवारों को प्रतिमाह शासन की महत्वाकांक्षी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राशन प्राप्त करने के लिए 6 से 7 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मुख्यालय तक पैदल जाना पड़ता था। पहाड़ी मार्गों और सीमित परिवहन सुविधा के कारण यह कार्य विशेष रूप से महिलाओं, वृद्धजनों और बच्चों के लिए अत्यंत कठिन था।
इस समस्या से ग्रामीणों ने बुधवार, 12 नवम्बर 2025 को गाँव के दौरे पर पहुँचे कलेक्टर अजीत वसंत को अवगत कराया। ग्रामीणों की पीड़ा सुनते ही जिलाधीश ने तत्काल संवेदनशीलता दिखाते हुए समाधान के निर्देश दिए।
कलेक्टर के निर्देशानुसार जिला खाद्य अधिकारी घनश्याम कँवर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र एक दिन के भीतर, 13 नवम्बर 2025 से ही, ग्राम कदमझरिया में चलित वाहन (मोबाइल पीडीएस यूनिट) के माध्यम से राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था प्रारंभ कर दी। अब पहाड़ी कोरवा जनजाति के परिवारों को अपने ही गाँव में अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह पहल जिला प्रशासन की तत्परता और संवेदनशीलता का प्रमाण है, वही कदमझरिया के निवासियों के लिए यह सुविधा किसी वरदान से कम नहीं, अब उन्हें न लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, न ही राशन पाने के लिए किसी असुविधा का सामना करना होगा।
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