प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना से जनजातीय बहुल ग्रामों का हो रहा कायाकल्प

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना से जनजातीय बहुल ग्रामों का हो रहा कायाकल्प

14 जिलों के 1692 गांवों के लिये 307 करोड़ रुपये से अधिक की कार्य-योजना भारत सरकार से मंजूर

भोपाल, जनजातीय वर्ग के हितों की रक्षा एवं समग्र विकास के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) प्रारंभ की गई है। इस योजना में मध्यप्रदेश के 47 जिलों के जनजातीय बाहुल्य 7 हजार 307 गांव चुने गये हैं। योजना के तहत पाँच सालों में 20 लाख 38 हजार रूपये प्रति ग्राम के मान से इन चयनित गांवों में कई विकास कार्य कराये जाएंगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत बड़वानी, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, गुना, खण्डवा, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिंगरौली, विदिशा, रीवा, झाबुआ, धार एवं श्योपुर कुल 15 जिलों के 2 हजार 523 गांवों में 110 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से बुनियादी सुविधाओं के साथ शैक्षिक एवं कौशल उन्नयन के कार्य कराये गये हैं। अनूपपुर, मुरैना, सतना, सीधी, देवास, बैतुल, श्योपुर, सीधी, मंडला, उमरिया, नीमच, रतलाम, अलीराजपुर, मंदसौर एवं खरगोन कुल 14 जिलों के 1692 गांवों में विकास कार्यों के लिये 307 करोड़ 57 लाख रुपये की कार्य-योजना को वित्त वर्ष 2024-25 में भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हुई है। कार्ययोजना के अनुसार स्वीकृत निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं।

पीएमएएजीवाई योजना को 5 वर्षों (2021-22 से 2025-26) में कार्यान्वित किया जाना है। योजना का उद्देश्य विशिष्ट जनजातीय आबादी बहुल गांवों को एक आदर्श ग्राम (मॉडल विलेज) के रूप में विकसित करना है। इसमें अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कम से कम 50 फीसदी अनुसूचित जनजाति आबादी और 500 की अनुसूचित जनजाति आबादी वाले 36 हजार 428 गांवों को कवर करने की योजना है। योजना से 4 करोड़ 22 लाख (देश की कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 फीसदी) जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी।

योजना में चुने गये सभी गांवों का एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास किया जायेगा। इसमें जनजातीय वर्ग की जरूरतों, क्षमताओं और उनकी आकांक्षाओं के आधार पर ग्राम विकास की योजना तैयार करना शामिल है। इसके अलावा केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक लाभ योजनाओं के कवरेज को अधिकतम स्तर तक ले जाना और स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी (संपर्क) व आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त करना भी इस योजना का प्रमुख घटक है।

योजना के तहत सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव), दूरसंचार संपर्क (मोबाइल/इंटरनेट कनेक्टिविटी), विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि कार्य कराये जायेंगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) के तहत प्रशासनिक खर्चों सहित अनुमोदित गतिविधियों के लिए गैप फिलिंग के रूप में 20 लाख 38 हजार रुपये प्रति गांव के मान से धनराशि दी जा रही है। पीएमएएजीवाई में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को चिन्हित गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास एवं नागरिक सेवाओं के लिए केंद्रीय और राज्य अनुसूचित जनजाति घटक फंड (एसटीसी) निधि व अन्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के रूप में मौजूदा संसाधनों के समन्वित उपयोग के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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