इनोवेटिव आइडियाज पर काम कर रहे हैं छत्तीसगढ छात्र, छात्राओं ने रेलवे ट्रैक क्लीनर माडल बनाया 

इनोवेटिव आइडियाज पर काम कर रहे हैं छत्तीसगढ छात्र, छात्राओं ने रेलवे ट्रैक क्लीनर माडल बनाया 

रायपुर। स्कूलों में पढ़ने और पढ़ाने की शैली में बदलाव हो रहे है। पहले जहां छात्रों को किताबी ज्ञान के बारे में ज्यादा बताया जाता था, लेकिन अब किताबी ज्ञान के साथ-साथ छात्रा को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति-2020 पारंपरिक पढ़ाई पद्धति के साथ-साथ प्रैक्टिकली लर्निंग पर जोर दिया जा रहा है। इसका असर भी दिखने लगा है। स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ नए-नए इनोवेटिव आइडियाज पर काम कर रहे हैं। शहर के छात्र नई तकनीक सीखने के लिए उत्साहित है।

शहर के सरकारी और निजी स्कूलों में संचालित अटल टिंकरिंग लैब के जरिए छात्रों को नए-नए प्रोडक्ट बनाना, कोडिंग करना, रोबोट बनाना, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, एंड्राइड एप बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षणों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी फंडिंग दे रही है।स्कूलों में लैब में काम करने के लिए अलग से समय निर्धारित किया गया है, जिसमें छात्र जाकर अपने आइडिया पर काम करते हैं।राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के आइडिया के बढ़ावा देने के लिए कई प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। अभी एटीएल मैराथन होने वाली है, इसके लिए छात्रों ने अपने बनाए प्रोजेक्ट को समबिट किया है।

जेआर दानी गर्ल्स स्कूल की बारहवीं की छात्राओं ने रेलवे ट्रैक क्लीनर बनाया
जेआर दानी गर्ल्स स्कूल की बारहवीं की छात्राओं ने रेलवे ट्रैक क्लीनर माडल बनाया है, जो सेंसर के जरिए काम करता है।आरती वर्मा, दीपांजलि मिश्रा और अंकिता नामदेव ने मिलकर ये माडल बनाया है। उन्होंने बताया कि रेलवे ट्रैक में साफ-सफाई कम रहती है। इस समस्या को दूर करने के मकसद ये माडल बनाए है।माडल में सेंसर लगा हुआ, गाड़ी जाने के बाद तुरंत मोटर चालू हो जाएगी, ट्रैक में पानी आने लगे, दूसरी गाड़ी आने बाद मोटर बंद हो जाएगी। बड़े रेलवे स्टेशनों में हर पांच मिनट में प्लेटफार्म में ट्रेन आती है। इसलिए माडल में टाइमर नहीं लगाया गया है। इसमें हम टाइमर भी सेट कर सकते हैं।ताकि पानी की बर्बादी भी न हो।इसके पहले छात्राओं ने किसानों की मदद करने के उद्देश्य से सोलर पैनल भी बनाया था, जिससे किसान को सिंचाई करने में फायदा होता है।

छात्र अपने मन में चल रहे आइडिया को मूर्त रूप दे रहे
सरकारी और निजी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की व्यवस्था है, जहां पर छात्र अपने मन में चल रहे आइडिया को मूर्त रूप दे रहे है। छात्रों के आइडिया पर लैब संचालक भी काम करते हैं। जिससे छात्र अपने आइडिया को साकार करता हैं। इसके अलावा आइटी सेक्टर की कुछ कंपनियां भी स्कूलों में लैब संचालित कर रही है, जिसमें छात्रों को कोडिंग, रोबोट बनाना, ड्रोन बनाना सीखते हैं।

गर्मी की छुट्टियाें में शहर में कई निजी लैब संचालित
अभिभावक बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा भी अन्य क्षेत्रों में परिपक्व बनाना चाहते हैं। गर्मी की छुट्टियाें में शहर में कई निजी लैब संचालित है, जहां पर फीस देकर अपने बच्चें को टेक्नो फ्रेंंडली बनाने के लिए भेजते हैं।

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