90 प्रतिशत कम होगा कोरोना का खतरा जाने कैसे

90 प्रतिशत कम होगा कोरोना का खतरा जाने कैसे

दुनिया भर में कोरोनावायरस महामारी फैलती जा रही है और अब तक इसको लेकर कोई वैक्सीन या दवा तैयार नहीं हुई है जो इसका पूरी तरह से इलाज कर पाए या इसकी रोकथाम में कारगर साबित हो। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई के नियमों का पालन करके ही इससे बचा जा सकता है। देश की सरकार भी लगातार नागरिकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने और बार-बार हाथ धोने के लिए कह रही है। देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने-अपने स्तर पर इसको लेकर अभियान चला रहे हैं। हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि इसके फैलने के खतरे को कैसे कम किया जा सकता है और यहां हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं।

6-10 बार हाथ धोने पर खतरा कम
वेलकम ऑपन रिसर्च में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, दिन में 6 से 10 बार हाथ धो कर कोविड-19 से 90 प्रतिशत तक बचाव किया जा सकता है। अगर एक व्यक्ति दिन में 6-10 बार हाथ साफ करता है तो ऐसे में उसे कोरोनावायरस संक्रमण होने का खतरा काफी कम है, हालांकि इसके पुख्ता प्रमाण काफी कम मिले हैं। यह डाटा (2006-2009) के दौरान इंग्लैंड-वाइड फ्लू वॉच स्टडी से लिया गया था। हाथ के जरिए वायरस फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है तो ऐसे में हाथों को बार-बार धोकर इसे रोका जा सकता है। ऐसे में जितना ज्यादा हो सके उतना ज्यादा ही सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो की जाए और जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकला जाए।

मास्क पहनना है कितना जरूरी
आप जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो उससे पहले मास्क पहनना बहुत जरूरी है, क्योंकि बाहर किसी के संपर्क में आने पर उसके वायरस से मास्क पहनकर ही बचा जा सकता है। भारत जैसे देश में इस समय यह मुमकिन नहीं है कि हर व्यक्ति N-95 मास्क पहन पाए। इसलिए घर पर बने मास्क को भी पहन कर खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसलिए घर पर साफ कपड़े का इस्तेमाल करके मास्क बना सकते हैं और ऐसे में यह ध्यान रहे कि जो मास्क बनाया है वह पूरे चेहरे को ठीक से ढक रहा हो। मास्क को पहनते वक्त आपको उसके फ्रंट या बैक साइड पर छूना नहीं है सिर्फ उसको किनारों से पकड़ कर पहनना है और मुहं और नाक को ढकना है। मास्क को इस्तेमाल करने के बाद किसी अलग जगह रखें और उसे गर्म पानी से अच्छे से धो लें।


सोशल डिस्टेंसिंग कोविड-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। आप जितना ज्यादा अन्य लोगों को संपर्क में आने से बचेंगे उतना ज्यादा ही वायरस फैलने का खतरा कम होगा। इसलिए सरकार भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर जो दे रही है। अगर एक व्यक्ति कोविड-19 रोगी और ऐसे में वह बाहर घूमता है और अन्य लोग भी उसके संपर्क में आते हैं तो वह वायरस उससे दूसरे लोगों में जा सकता है। अगर सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो की जाएगी तो कोविड-19 रोगी से अन्य लोग दूर रहेंगे और उन्हें वायरस का खतरा कम रहेगा।

वहां जब अब कई शहरों में केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा लॉकडाउन में छूट दी गई है तो लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति मिल गई है। अब इस दौरान लोगों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है और उन्हें नियमों का पालन पहले के मुकाबले ज्यादा सावधानी से करना है। ऐसे में सरकार के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक का भी यह फर्ज बनता है कि वह खुद भी सुरक्षित रहे और अन्य नागरिकों को भी सुरक्षित रखे। सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए और लोगों के संपर्क में कम से कम आया जाए।