कैबिनेट स्थगित, मंत्री सिलावट व रामखेलावन घटनास्थल पहुंचे
मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. के मुआवजे की घोषणा
मृतकों में ज्यादातर युवा, रेलवे की परीक्षा देने जा रहे थे सतना
सड़क खराब और जाम के कारण ड्राइवर ने बदला था तय रूट
बाणसागर नहर से शव निकलने के बाद इलाके में मातम पसरा
बस हादसे के बाद मृतकों के परिजन को दिलासा देते रहे लोग
भोपाल/ सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। करीब 60 यात्रियों से भरी जबलनाथ ट्रेवल्स की बस बाणसागर नहर में गिर गई। देर रात खबर लिखे जाने तक 45 शव बरामद किए जा चुके थे। सात यात्रियों को बचा लिया गया है। ड्राइवर खुद तैरकर बाहर आ गया।
पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। मौके पर मौजूद आला अधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका जताई है। कुछ शवों के बह जाने की बात कही गई है। दरअसल, बस सीधी से सतना जा रही थी। हादसा रामपुर के नैकिन इलाके में सुबह करीब 7.30 बजे हुआ।
हादसे के चार घंटे बाद 11.45 बजे क्रेन की मदद से बस को नहर से बाहर निकाला गया। नहर की गहराई 22 से 25 फीट है। जिस वक्त हादसा हुआ, तब बहाव तेज था, लिहाजा यात्रियों को संभलने का मौका नहीं मिला। मृतकों में 12 छात्र भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है।
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीडि़त परिवारों के प्रति शोक संवदेना व्यक्त की है।
संकरे रास्ते से बस ले जा रहा था ड्राइवर
पुलिस के मुताबिक, बस में 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन इसमें 60 यात्री भर लिए गए। बस को सीधी मार्ग पर छुहिया घाटी से होकर सतना जाना था, लेकिन वहां जाम की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया। वह नहर के किनारे से बस ले जा रहा था। यह रास्ता काफी संकरा है। इसी दौरान ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया।
ड्राइवर ने कम नहीं की स्पीड
हादसे में बचे यात्रियों ने बताया कि ड्राइवर काफी स्पीड में बस चला रहा था। लोगों ने उससे कई बार गति कम करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। इसी दौरान उसने नियंत्रण खोद दिया और बस नहर में गिर गई। जितने भी लोग बस से बाहर आ पाए वे सभी पीछे की सीटों पर बैठे थे। बस के नहर में डूबने के दौरान उन्हें थोड़ा सा वक्त मिला जिससे वे बाहर आ गए और तैरकर किनारे पहुंचे।
गोताखोरों की टीम रेस्क्यू में जुटी
स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में देर रात तक जुटी रही। गोताखोर भी मौजूद रहे। नहर में पानी का बहाव तेज होने की वजह से रेस्क्यू टीम को जलस्तर कम होने का इंतजार करना पड़ा। आशंका है कि तेज बहाव के कारण लोग घटनास्थल से काफी दूर बह गए होंगे। फिलहाल बाणसागर डैम से नहर का पानी रोक दिया गया है। नहर का जलस्तर कम करने के लिए इसके पानी को सिहावल नहर में भेजा जा रहा है।
जबलनाध परिहार की बस
बस जबलानाथ परिहार ट्रैवल्स सिजहटा की है। जिसका नंबर एमपी 19 पी 1883 है। बस के मालिक कमलेश्वर सिंह हैं। बस का फिटनेस 2 मई 2021 तक है जिसका परमिट परिवहन विभाग से 12 मई 2025 तक के लिए जारी किया गया है। इस बस में सीधी बस स्टैंड से 38 टिकट बुक की गई थी। जो कि 80 किमी सफर तय कर हादसे का शिकार हो गई।
कैबिनेट स्थगित
सीधी में बस हादसे के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक को स्थगित कर दिया है। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल भोपाल से हेलीकाप्टर से रीवा पहुंचे और यहां से घटनास्थल पहुंचे। हादसे में मरने वालों के परिजनों को सरकार ने 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। सीधी जिले के रामपुर नैकिन सामुदायिक स्वास्थ्य क्रेंद में पोस्टमार्टम किए जाने का निर्णय लिया गया है। मंत्री मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की।
शाह का कार्यक्रम रद्द
मंगलवार को मप्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.10 लाख लोगों के गृह प्रवेश का कार्यक्रम था। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होना था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि हादसे के चलते अब कार्यक्रम संभव नहीं होगा।
कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
मध्य प्रदेश के सीधी में हुए बस हादसे पर अब सियासत शुरू हो गई है। खासकर प्रदेश के परिवहन मंत्री निशाने पर आ गए हैं। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को पहले तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तलब किया, इसके बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हादसे को लेकर उनका इस्तीफा मांग लिया है।
प्रदेश कांग्रेस सचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया कि हादसे की शिकार बस का न फिटनेस और न ही परमिट थी। बस अवैध रूप से चल रही थी। परिवहन अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज होना चाहिए।
पीडि़तों के परिजनों के साथ पूरा प्रदेश खड़ा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह घटना मेरे लिए अत्यंत दु:खद है। मन बहुत व्यथित और दु:खी है। सात व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया है। राहत कार्य जारी है। शव नहर से निकाले जा रहे हैं। प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच लाख रुपए की तात्कालिक राहत सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। दु:ख की घड़ी में हम पीडि़तों के परिजनों के साथ हैं। पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है। मैंने कलेक्टर को हर संभव राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
उच्च-स्तरीय बैठक ली
मुख्यमंत्री ने सीधी में हुई बस दुर्घटना के संबंध में मंत्रालय में मंत्रियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक ली। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को निर्देश दिए कि राहत कार्यों में संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाए। राहत और सहायता कार्य पूर्ण संवेदनशीलता के साथ संचालित किए जाएं।