जिले के 22 हजार 968 हितग्राही मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से हुए लाभान्वित

जिले के 22 हजार 968 हितग्राही मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से हुए लाभान्वित
कांकेर, कांकेर जिले के सभी आठ परियोजनाओं के 451 ग्राम पंचायतों में किलकारी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 5 सितम्बर 2019 से कांकेर जिले के 6 माह से 5 वर्ष के 14 हजार 433 गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को 16.50 रुपए प्रति बच्चे के मान से गरम पका भोजन एवं अण्डा तथा 15 वर्ष से 49 वर्ष की 7 ग्राम से कम एच.बी. वाले 8 हजार 535 गंभीर एनिमिक महिलाओं को 21.50 रुपए प्रति महिला के मान से गरम पका भोजन एवं अण्डा ग्राम पंचायत, महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा नियमित रूप से प्रदाय किया जा रहा है। जिले के पॉच पोषण पुनर्वास केन्द्रो में कुपोषित बच्चों को भर्ती कराकर मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत शतप्रतिशत टीकाकरण विटामिन ए सिरप एवं डिवार्मिग के तहत एलबेण्डाजोल टेबलेट खिलाना व चिरायु टीम द्वारा नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर लाभान्वित किया जा रहा है। जिले का कुपोषण दर फरवरी 2019 के वजन त्यौहार में 27.1 प्रतिशत था वह घटकर अगस्त 2020 के एम. पी. आर. के अनुसार 15.1 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार सवा वर्ष में 12 प्रतिशत कुपोषण में कमी आई है। इसी प्रकार गंभीर एनिमिक महिलाओं को गरम भोजन एवं अण्डा, आयरन टेबलेट एवं आयरन सुक्रोज का टीकाकरण कर मुनगा भाजी एवं अन्य हरे पत्तेदार सब्जी तथा खानपान में ध्यान देने की सलाह दिये जाने के फलस्वरूप माह अगस्त 2020 में एनिमिया परीक्षण के दौरान 7 हजार 694 महिलाओं का हिमोग्लोबिन का स्तर 7 से 10 ग्राम तक वृद्धि हुई है और वे गंभीर से मध्यम एनिमिक की श्रेणी में आ गई हैं। जिले के कलेक्टर के एल. चौहान के सतत मार्गदर्शन एवं मॉनिटरिंग में जिले के सभी गर्भवती एवं पोषक माताओं तथा कुपोषित बच्चों के घरों में विगत सवा वर्ष में 20 हजार मुनगा के पौधे उद्यानिकी एवं वन विभाग के नर्सरी से प्राप्त कर महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिकाओं और महिला स्व सहायता समूहों द्वारा लगवाये गए हैं। मुनगा के पत्ती से मुनगा पाउडर तैयार कर सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन के साथ सब्जी एवं दाल में मिलाकर उनकी पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए प्रदाय किया जा रहा है। कांकेर किलकारी के तहत अब तक कलेक्टर द्वारा जिला खनिज न्यास मद से 05 करोड़ रुपए प्रदाय किया गया है। कांकेर किलकारी योजना को कुपोषण के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में लेते हुए उद्यानिकी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, महिला बाल विकास विभाग, वन विभाग, पशुपालन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग ने अपनी महत्ती भूमिका निभाई है कोविड-19 में भी सभी कुपोषित बच्चों एवं एनिमिक महिलाओं को घर घर पहुंचकर सूखा राशन एवं अण्डा दिया जा रहा है।