12 विभागों में मेरिट के आधार पर एडमिशन को मंजूरी
इंदौर
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय 12 विभागों में मेरिट के आधार पर प्रवेश देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। इसकी अनुमति के लिए विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। मामले में सुनवाई संभवतः अगले सप्ताह होगी। उधर, 34 कोर्स के लिए विद्यार्थियों से 14 अगस्त से आवेदन मंगाए जाने की तैयारी चल रही है।
पिछले साल तकनीकी गड़बड़ी के बाद ऑनलाइन सीईटी कोर्ट ने निरस्त कर दी थी और मेरिट के आधार पर प्रवेश देने का फैसला दिया था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि अगले साल से दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए दिया जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन इस साल सीईटी कराने को राजी था। इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से भी बातचीत हो चुकी थी, मगर कोरोना संक्रमण के चलते तीन महीने शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य प्रभावित रहा। जून में विभागाध्यक्षों की बैठक हुई थी, जिसमें कुछ विभागाध्यक्षों ने मेरिट आधार पर प्रवेश का सुझाव दिया। प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा ने पिछले साल हुए हाई कोर्ट के आदेश के बारे में बताया, जिसमें मेरिट के लिए कोर्ट से मंजूरी लेने की बात कही।
चर्चा के बाद विश्वविद्यालय ने सीईटी से ही प्रवेश देने पर सहमति जताई। फिर अगस्त में बैठक रखी जिसमें चर्चा के बाद असमंजस में पड़े विश्वविद्यालय ने सत्र 2020-21 में दोबारा मेरिट के आधार पर प्रमुख 12 विभागों में दाखिले का फैसला लिया। हालांकि इससे पहले विश्वविद्यालय को हाई कोर्ट के सामने यह पूरी परिस्थिति बताना है। कुलपति प्रो. रेणु जैन का कहना है कि विश्वविद्यालय ने प्रक्रिया पर मंजूरी लेने के लिए याचिका लगाई है, जिसमें सभी बिंदुओं के बारे में कोर्ट को जानकारी दी है।
मेरिट के बदले नियम
विश्वविद्यालय ने इस बार मेरिट के आधार पर प्रवेश देने के नियमों में मामूली बदलाव किया है। पहले सभी कोर्स में पिछले रिजल्ट के आधार पर मेरिट सूची तैयार होती थी, लेकिन इस बार यूजी कोर्स में 12वीं और 10वीं के नंबर और पीजी में यूजी और 12वीं के अंकों पर मेरिट बनाने का सुझाव है। यह प्रस्ताव कुलपति को भेजा गया है।