स्‍किन के लिए मॉइस्चराइजर बहुत जरूरी, चाहे आपकी स्‍किन ऑयली ही क्‍यों न हो

स्‍किन के लिए मॉइस्चराइजर बहुत जरूरी, चाहे आपकी स्‍किन ऑयली ही क्‍यों न हो


अधिकतर महिलाओं की स्‍किन ऑयली होती है। ऐसे में उन्‍हें अपनी त्‍वचा के अनुसार स्‍किन केयर प्रोडक्‍ट खरीदने में काफी कंफ्यूजन होता है। इसी चक्‍कर में कई महिलाएं तो अपनी स्‍किन पर न तो क्रीम लगाती हैं और न ही मॉइस्‍चराइज। लेकिन अगर आपको आपनी स्‍किन को हेल्‍दी और ग्‍लोइंग रखना है, तो मॉइश्चराइजर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इन दिनों मार्केट में काफी सारी मॉइश्चराइजिंग क्रीम्‍स मौजूद हैं, जिनको लेकर दिमाग बुरी तरह से चकरा जाता है। मगर आप चिंता न करें, क्‍योंकि हम आपको अपनी स्‍किन के अनुसार मॉइश्चराइजिंग क्रीम को देख परख कर चुनना सिखाएंगे।

ऑयली स्‍किन पर पहले से ही पर्याप्त प्राकृतिक तेल मौजूद होता है, इसलिए उसको मॉइस्चराइज करते समय खास ध्यान में रखने वाली बात यह है कि उसे और ज्‍यादा ऑयली न बनाएं। लेकिन अपनी त्‍वचा को हाइड्रेट करने के लिए ऑयल-फ्री, वॉटर बेस्ड फॉर्मूला चुनें। आपको मार्केट में कई तरह के मॉइस्‍चराइजर मिल जाएंगे, जिनकी खासियत है कि इसे लगाने के बाद आपकी स्‍किन कभी चिपचिपी नहीं लगेगी।

आपके मॉइस्चराइजर में मौजूद तत्व एक्‍सेस ऑयल के उत्पादन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्‍हीं मॉइस्‍चराइजर का इस्‍तेमाल करें जिसमें नियासिनमाइड, ग्लिसरीन, सैलिसिलिक एसिड और हायल्यूरोनिक एसिड जैसे इंग्रीडियंट्स पाए जाते हों। क्योंकि यह सभी सीबम उत्पादन को नियंत्रित करने और तैलीय त्वचा को प्रभावी रूप से हाइड्रेट करने के लिए काम करते हैं।

ब्लैकहेड्स और मुंहासों का एक बड़ा कारण बंद पोर्स होते हैं। ज्‍यादा थिक और क्रीमी मॉइस्चराइजर का उपयोग करने से आपके पोर्स बंद हो सकते हैं। जिसकी वजह से मुंहासे हो सकते हैं या चेहरे पर मौजूदा मुंहासों का और भी बुरा हाल हो सकता है। इसलिए, 'नॉन कॉमेडोजेनिक' लेबल वाले उत्पादों की तलाश करें क्योंकि ये विशेष रूप से पोर्स की रुकावट को कम करने के लिए तैयार किए जाते हैं और आम तौर पर तेल मुक्त होते हैं।