सीवेज प्लांट और रैन वाटर हार्वेस्टिंग से मिलेगी 300 कालेजों को RGPV की संबद्धता

सीवेज प्लांट और  रैन वाटर हार्वेस्टिंग से मिलेगी 300 कालेजों को RGPV की संबद्धता

भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2020-21 की संबद्धता कालेजों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, रैन वाटर हार्वेस्टिंग होगी, विद्यार्थियों की संख्या के बराबर पेड़ और कचरे का निस्तर की उचित व्यवस्था करने पर देगा। कालेजों ने संबद्धता के लिए आवेदन कर दिए हैं। कालेजों का इंस्फेक्शन के बाद उन्हें संबद्धता जारी की जाएगी।

पानी की समस्या को काफी हद तक खत्म करने के लिए आरजीपीवी ने कुछ नये मापदंड तैयार किए हैं। ये मापदंड जल्द ही कालेजों की संबद्धता से जोड़ा गया है। अभी तक आरजीपीवी को करीब ढाई सौ कालेजों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। संबद्धता में नये चार बिंदुओं को शामिल किया गया। इसके अभाव में उन्हें संबद्धता नहीं दी जाएगी। इसके तहत कालेज अब अपना कचरा सड़क, मैदान और खेतों में नहीं फैक पाएंगे। वे कैंटीन या विभागों से निकलने वाले कचरे को कालेज में गड्डा बनाकर दफन करेंगे या नगर निगम या पालिका के स्थानों पर डालेंगे। इंजीनियरिंग कालेजों में पानी की बहुत जरुरत होती है। इसलिए कालेजों मे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना होगा।इससे कालेजों के सीवेज से निकलने वाला गंदा पानी दोबारा कालेज के उपयोग में आ जाएगा।

कालेजों छतों के पानी से जिंदा होंगे बोर
कालेजों को बरसात के पानी का उपयोग करने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग करना होगी, ताकि वे बरसात के पानी के उपयोग से बोर को दोबारा जिंदा कर सकें। यहां तक वे जमीन के पानी के स्तर को ऊपर करने में सहयोग कर सकते हैं।

पर्यावरण पर भी होगा फोकस
ग्लोबल वार्मिंग को ध्यान में रखते हुए आरजीपीवी ने पर्यवरण को स्वच्छ बनाने के लिए कालेजों की हिस्सेदारी बनाई है। इसके तहत कालेजों को अपने प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या के बराबर पेड़ लगाने होंगे। प्रवेश के बाद आरजीपीवी पंजीकृत विद्यार्थियों के बाद पेड़ों की गिनती तक कराएगा।