सावधानः घर से ऑनलाइन काम करने वाले बन सकते हैं हैकर्स का शिकार

सावधानः घर से ऑनलाइन काम करने वाले बन सकते हैं हैकर्स का शिकार

 
नई दिल्ली 

 कोविड- 19 यानी कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर के लोग अपने घरों से काम (Work from Home) कर रहे हैं. भारत में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं जो घरों में बैठकर अपना काम कर रहे हैं. लेकिन घर से काम करने वाली इस प्रक्रिया में कंपनियों की साइबर सुरक्षा का खतरा ज्यादा है. क्योंकि घर से काम करने वाले लोग कंपनियों से संबंधित जानकारी और आंकड़ों का इस्तेमाल लैपटॉप या घर में डेस्क टॉप से कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक ऐसे हालात में हैकर आसानी से आपको या आपकी कंपनी के डाटा को निशाना बना सकते हैं.

कोरोना महामारी के चलते सरकार की अपील के बाद देशभर की सभी बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है. इसके लिए कई तरह के नए सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किए जा रहे हैं. घरों में काम करने के लिए अपने लैपटॉप या पीसी में ऑफिस की जरूरत के मुताबिक सॉफ्टवेयर उपयोग किए जा रहे हैं. ऐसे में कंपनियों का डाटा और निजी सूचनाएं भी वे अपने घरों पर ही एक्सेस करते हैं. जिससे हैकिंग का खतरा बढ़ जाता है.
 
दरअसल, लैपटॉप, कंप्यूटर या मोबाइल अगर कोई हैक करता है या हैक करने की कोशिश करता है. तो डाटा करप्ट हो जाने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है. इसकी वजह से उपयोगकर्ता को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ता है. आपके सिस्टम या मोबाइल पर होने वाला साइबर हमला बेहद गंभीर हो सकता है. जिसकी वजह से आपको डाटा और पैसे दोनों का नुकसान हो सकता है.

विदेशों में ऐसे साइबर अटैक आम हैं, जो निजी कंपनियों को ही नहीं बल्कि सरकारी संस्थानों को भी निशाना बनाते हैं. कुछ वर्ष पहले एक बड़े साइबर अटैक के कारण अमेरिका जैसे देश को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. उसे खरबों डॉलर की हानि हुई थी. भारत की कई बड़ी कंपनी भी ऐसे हमलों का शिकार बन चुकी हैं. भारत के बैंक भी इससे अछूते नहीं हैं. उन्हे भी हैकरर्स ने अपना शिकार बनाया है.
 
अधिकतर हैकर और साइबर हमलावर ई-मेल या मोबाइल पर एसएमएस के जरिए आपको इनाम दिए जाने का झांसा देते हैं. कई लोग उनके झांसे में आकर ऐसी ई-मेल या वेबसाइट का आसान शिकार बन जाते हैं. ऐसे में किसी भी अनजान ई-मेल को ना खोलें. कोई भी वेबसाइट को खोलते समय ये जरूर देख लें कि साइट के URL से पहले लॉक का निशान है या नहीं. वो लॉक का निशान साइबर सुरक्षा की गारंटी देता है. ये जांच ले कि साइट के URL में HTTP के बाद S लगा है या नहीं. अगर वहां S नहीं है तो उस साइट की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं.

आपको बताते चलें कि पूरी दुनिया में हर माह हजारों साइबर हमले किए जाते हैं. जैसे पिछले तीन महिनों में दुनिया के दो देशों में 11 हजार से ज्यादा साइबर अटैक किए गए हैं. इन देशों में इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के नाम प्रमुख हैं. ऑस्ट्रेलिया में 6 हजार और इंडोनेशिया में 5 हजार साइबर हमले किए गए.