सस्ता सोना खरीदें 6 जुलाई से, इस रेट पर बेच रही मोदी सरकार

सस्ता सोना खरीदें 6 जुलाई से, इस रेट पर बेच रही मोदी सरकार

नई दिल्ली 
मोदी सरकार एक बार फिर आपके लिए 6 जुलाई से सस्ता सोना लेकर आ रही है। 10 जुलाई तक आपके पास सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने का बेहतरीन मौका है। सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता। यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है। इस वित्तीय वर्ष में यह चौथा मौका है जब सरकार सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड जारी कर रही है। इससे पहले अप्रैल, मई और जून में भी गोल्ड बॉन्ड जारी किए गए थे और निवेशकों ने काफी रुचि दिखाई थी। बता दें सोने के लिए यह साल अभूतपूर्व है। अब तक यह 20 फीसद से ज्यादा रिटर्न दे चुका है। अप्रैल-जून तीमाही में यह पिछले चार साल की तुलना में बेहतरीन रिटर्न दिया है। बढ़ती महंगाई के खिलाफ सोने में निवेश ज्यादा सुरक्षित है। वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण यह एक आकर्षक निवेश बन गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि दीवाली तक सोना 53000 रुपये प्रति 10 ग्राम ता पहुंच सकता है। 

किस भाव पर मिलेगा सोना
रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बांड की कीमत तय कर दी है।  पिछली बार कीतुलना में इस बार थोड़ी ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ सकती है। इस बार एक ग्राम सोने की कीमत 4,852 रुपये तय की गई है। अगर आप ऑनलाइन निवेश करते हैं और इसके लिए डिजिटल पेमेंट करते हैं तो सरकार आप हर ग्राम पर 50 रुपये की छूट देगी। यानी एक ग्राम सोना आपको 4802 रुपये का पड़ेगा। वहीं अगर आप 10 ग्राम सोना लेते हैं तो आपको सीधे तौर पर 500 रुपये की बचत होगी। बता दें जून में 4,677 रुपये प्रति ग्राम के रेट से मोदी सरकार की सॉवरेन गोल्ड बांड की तीसरी किस्त के तहत 8 जून से लेकर 12 के लिए जारी की गई थी। 

कहां और कैसे मिलेगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। बॉन्ड को ट्रस्टी व्यक्तियों, HUF, ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा. वहीं ग्राहकी की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम और प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) समान होगी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21की चौथी सीरीज की 10 मुख्य बातें

  • मोदी सरकार ऐसे समय में गोल्ड बॉन्ड लेकर आ रही है, जब घरेलू कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच रही हैं। वायदा बाजार में बुधवार को सोने की कीमतों में 48,982 प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।
  • सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड जारी किए जाते हैं। भौतिक सोने की मांग को कम करने और वित्तीय बचत में घरेलू बचत के एक हिस्से को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से 2015 में सॉवरेन गोल्ड बांड योजना शुरू की गई थी।
  • इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा 999 शुद्धता वाले सोने के लिए लेटेस्ट क्लोजिंग प्राइस के आधार पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स का निर्गम मूल्य तय किया गया है।
  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है।
  • 14 जुलाई को सोने के बॉन्ड की इस किस्त की जारी करने की तारीख तय की गई है।
  • बांड एक तारीख को जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं।
  • आरबीआई ने अप्रैल में घोषणा की थी कि सरकार सितंबर तक छह ट्रेंच में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करेगी। सितंबर तक जारी किए जाने वाले सोने के बॉन्ड की अन्य किस्त का विवरण ये है...
  • इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है. साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड ​इंटरेस्ट भी मिलता है।
  • इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है। 
  • इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए  इसका उपयोग कर सकते हैं।