समय रहते जाग जाते निगम के जिम्मेदार तो ज़िंदा होता 6 साल का मासूम संजू

समय रहते जाग जाते निगम के जिम्मेदार तो ज़िंदा होता 6 साल का मासूम संजू

भोपाल
राजधानी के अवधपुरी थाना इलाके के शिव संगम नगर में शुक्रवार शाम को आवारा कुत्तों के झुंड ने छह वर्षीय बालक को नोंच-नोंच कर मार डाला। जब कुत्ते बच्चे पर हमला कर रहे थे, उस वक्त उसकी मां सावित्री ने इन कुत्तों से अपने बेटे को छुड़ाने की कोशिश भी की, लेकिन कुत्तों ने उस पर भी हमला कर दिया, जिससे वह उसे बचाने में असमर्थ रही। रहवासियों की मानें तो पास में ही एक दूध डेयरी है। जब भी डेयरी के जानवर मरते हैं उन्हें पीछे की ओर फेंक दिया जाता है। कुत्ते इन जानवरों का मांस खाकर और भी खूंखार हो गए हैं। 

शनिवार को मासूम का पीएम हमीदिया स्थित मरचुरी में किया गया। बॉडी लेने के लिए मृतक के परिजनों और परिचितों की भारी भीड़ मरचुरी में मौजूद थी। सभी के चहरों पर गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। लोगों का कहना था कि पूर्व में भी कुत्तों के आतंक की शिकायत की जा चुकी थी। समय नगर नगर निगम प्रशासन कोई कदम उठाता तो संजू आज जिंदा होता। गुस्साए लोगों ने मरचुरी में हंगामा किया तो जिला प्रशासन के अधिकारी मुआवजे का मरहम लगाने पहुंच गए। टीआई मांगीलाल भाटी के अनुसार जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तत्कालिक तौर पर 25 हजार रूपए का मुआवजा देेने की बात कही जा रही है। अधिक मुआवाजा देने पर विचार किया जा रहा है। वहीं हादसे के बाद से ही संजू की मां की हालत लगातार बिगड़ रही है। बीती रात उन्हें अस्पताल पहुंचाना पड़ा था। रो-रो कर मां कई बार बोहोश हो चुकी है। वह लगातार संजू को वापस लाने की रट लगाए हुए है। 

जानकारी के अनुसार रिगल टाउन के पीछे शिव संगम नगर में सोडरपुर सिलवानी रायसेन के रहने वाला हरिनारायण जाटव अपनी पत्नी सवित्री , बेटा संजू (6), पिंकी (6), गुड्डी (1 माह ) किराये से रहता है। वह एक टेंट हाउस में काम करता है। कल शाम को करीब साढ़े पांच बजे उसका छह वर्षीय बेटा संजू मां सवित्री से खेलने का बोलकर घर से निकला था। इस बीच मां ने उसे एक कचरे की थैली दी थी और उसे नाले के पास फेंकने की बात कह दी थी। शाम छह बजे जब संजू के पिता हरिनारायण घर पहुंचे तो संजू उनको घर में नजर नहीं आया तो उन्होंने अपनी पत्नी से बच्चे को बुलाने को कहा। इस बीच सावित्री बाई की एक महीने की बेटी रो रही थी। संजू के जाने के  वह बेटी को शंात करा रही थी, तभ पति द्वारा बच्चे को बुलाने की बात सुनकर उन्हें ध्यान आया कि संजू को कचरा फेकने गया था, लेकिन बीस मिनट बाद भी घर नहीं आया। बाहर खेल रहे बच्चों के साथ भी दिखाई नहीं दे रहा, उसकी आवाज भी सुनाई नहीं दे रही है। वह बेटी को छोड़कर संजू को देखने नाले की तरफ गई थी। इस दौरान पता चला कि सड़क से थोड़ी दूर नाले के पास कुत्तें संजू को खा रहे है। 

लंबे समय से आवारा कुत्तों से परेशान लोग बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम का कुत्ते पकडऩे वाला अमला नहीं पहुंचा। शुक्रवार शाम जब छह साल के मासूम की जान गई तो अमला मौके पर पहुंच गया और कुत्तों को पकडऩे की ओपचारिकता करने लगा। हैरानी की बात तो यह है कि शाम 8 बजे से रात 11 बजे तक महज दो कुत्ते ही नगर निगम के अमले ने पकड़े थे। 

स्थानीय निवासी अमित पाल ने बताया कि थोड़ी दिन पहले ही कॉलोनी के पास कुत्तों के झुंड ने पड़े (भैंसे) को घेर लिया था। घायल होने पर जब लोगों की नजर पड़ी तो कॉलोनी के लोगों ने कुत्तों से पड़े को बचाया था। अमित का कहना है कि उक्त मामले की शिकायत पार्षद से की थी, लेकिन पार्षद न उस समय कॉलोनी आई थी और न ही बच्चे की मौत की जानकारी होने के बाद परिजनो से मिलने आई। 

शिव संगम नगर में रहने वाले रूप सिंह ने बताया कि उनकी कॉलोनी तक पहुंचने के लिए रीगल टाउन से एक किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। वहां बाइक से आते समय अक्सर आवारा कुत्ते बाइक के पीछे दौड़ते हैं और बाइक नहीं रोकने पर चलती बाइम में पैर पर काट लेते हैं। 

घटना के बाद पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया। बच्चे की मौत की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मां को कमरे से बाहर कर देर रात तक उसका पंचनामा करती रही। इधर, बच्चे की झलक देखने मां घंटो तक तड़पती रही। स्थानीय सूत्रों की माने तो आज मृतक के परिचित और परिजन शव रखकर चक्का जाम कर सकते हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार उनके संपर्क में हैं और समझाइश देने का प्रयास कर रहे हैं।