शिक्षकों के तबादले पर फंसा पेंच, दस्तावेज सत्यापन में उलझी ज्वॉइनिंग

शिक्षकों के तबादले पर फंसा पेंच, दस्तावेज सत्यापन में उलझी ज्वॉइनिंग

भोपाल
भोपाल। प्रदेश में करीब 12 साल बाद हुए शिक्षकों के तबादले पर लगातार पेंच फंस रहे हैं। तबादला होने के बाद भी शिक्षकों की कार्यमुक्ति और पदस्थापना अटक गई है। शिक्षा विभाग द्वारा तबादलों को लेकर निकाले जा रहे नित नए आदेश शिक्षकों के मुश्किल का सबब बन गए हैं। अब शिक्षकों की कार्यमुक्ति और पदस्थापना जिला शिक्षा अधिकारी की बजाय सीधे संकुल केन्द्र के माध्यम से की जाएगी। विभाग की ओर से प्रदेश के लगभग 35 हजार शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया, लेकिन अब तक कई शिक्षकों को आदेश नहीं मिले हैं। नई व्यवस्था के बाद सत्यापन के लिए शिक्षकों को करीब एक पखवाड़े का और इंतजार करना पड़ेगा, तब कहीं जाकर उन्हें संबंधित स्कूल में पदस्थापना का आदेश प्राप्त हो सकेगा।

इस फैसले के बाद संकुल प्राचार्य की यह जिम्मेदारी होगी कि वह आवेदक के ऑनलाइन किए आवेदन और दस्तावेजों की जांच अच्छी तरह से करे और कोई गड़बड़ी होने पर पोर्टल पर स्पष्ट करे, ताकी उसे सुधारा जाए और फिर आगे बढ़ाया जाए।सीपीआई भोपाल द्वारा शिक्षकों के तबादलों के संबंध में मंगलवार को जो आदेश जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक अब शिक्षकों को संकुल केंद्रों से डीईओ ऑफिस रिलीव नहीं किया जाएगा, बल्कि अपने स्कूल से रिलीव होकर शिक्षक संकुल केंद्र पर पहुंचेंगे। यहां एज्युकेशन पोर्टल के माध्यम से संकुल प्राचार्य ऑनलाइन शिक्षकों के तबादला आदेश का सत्यापन करेंगे। इसके बाद पोर्टल पर ही ऑनलाइन कार्यमुक्ति उस संकुल केंद्र की ओर की जाएगी, जिस संकुल केंद्र में उनका तबादला हुआ है। फिर उनकी पदस्थापना वाले संकुल केंद्र से ऑनलाइन उपस्थिति उनकी पदस्थापना वाली शाला पर ही करवाई जाएगी।

सरकार के इस फैसले के बाद अध्यापकों और शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे । अध्यापकों के तबादले में अब तक 35000 का ऑनलाइन स्थानांतरण किए गए है।जिसमें 43 फ़ीसदी अध्यापकों को पहली च्वाइस की जगह पर तबादला किया गया है।वही 15 फ़ीसदी अध्यापकों को दूसरी चॉइस और 9 फ़ीसदी को तीसरी चॉइस वाली जगह पर तबादला किया गया है।

मंगलवार को भोपाल से जारी हुए आदेश के मुताबिक स्थानांतरण आदेश जारी होने के कारण अगर तबादले की वजह से कोई स्कूल शिक्षक विहीन हो रहा है तो उस स्कूल के शिक्षकों को तब तक अपने तबादले वाले स्कूल की ओर रिलीव नहीं किया जा सकेगा, जब तक उस स्कूल में अतिथि शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो जाएगी। वहीं मॉडल और उत्कृष्ट विद्यालयों से भी शिक्षक तब तक उस स्कूल से कार्यमुक्त नहीं होंगे, जब तक उनके स्थान पर अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना नहीं होगी।