विधानसभा चुनावों के लिए जानें क्या है बसपा की रणनीति

विधानसभा चुनावों के लिए जानें क्या है बसपा की रणनीति

 
बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी के बाहर विधानसभा चुनाव के लिए हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र में क्षेत्रीय दलों के साथ कुछ राष्ट्रीय दलों से गठबंधन की संभावनाएं देख रही हैं। इसीलिए उन्होंने हरियाणा में आईएनएलडी से नाता तोड़कर यह साफ संकेत दे दिया है कि वह अपनी शर्तों पर समझौता करेंगी।

मायावती इन दिनों लखनऊ में हैं और संगठन को मजबूत करने पर पूरा ध्यान दे रही हैं। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव में वह पूरी दमदारी के साथ मैदान में उतरने की तैयारियों में हैं। इसीलिए उप चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा पहले कर दी है, जिससे वह क्षेत्र में जाकर चुनावी प्रचार में जुटें। उनकी नजर दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा आम चुनावों पर भी हैं। 

उन्होंने बसपा के राज्य प्रभारियों के साथ बैठक कर उन्हें अपने-अपने राज्यों संगठन को मजबूत करने और जिताऊ उम्मीदवारों के चयन के लिए अभी से जुटने का निर्देश दिया है। यह भी निर्देश दिया है कि राज्य प्रभारी अपने राज्यों में माह में कम से कम 15 दिन अनिवार्य रूप से कैंप करेंगे। 

उप चुनाव में सपा से गठबंधन की उम्मीद में रालोद
प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में गठबंधन का प्रयोग एक बार फिर आजमाया जा सकता है। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) इस चुनाव में भी सपा के साथ तालमेल की उम्मीद लगाए है। उसे अभी तक सपा की तरफ से इस बारे में स्पष्ट संकेत नहीं हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद के बीच गठबंधन का प्रयोग विफल हो जाने के बाद बसपा ने खुद को इससे अलग कर लिया था। बसपा के इस रुख के बाद रालोद ने सपा के साथ और मजबूती से बने रहने का ऐलान किया। उसने यहां तक कहा कि रालोद का गठबंधन तो सपा के ही साथ था।