वन विभाग में घोटाले के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित 

वन विभाग में घोटाले के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित 

 लखनऊ  
शासन ने बरेली वन प्रभाग में घोटाले के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी को एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने प्रकरण की तथ्यात्मक जांच के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (अनुश्रवण एवं कार्ययोजना) पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष के कार्यालय में वित्त नियंत्रक आलोक कुमार अग्रवाल को कमेटी का सदस्य बनाया गया है। 

इससे पहले मीडिया के माध्यम से शासन के संज्ञान में आया था कि बरेली वन प्रभाग में बड़ा घोटाला हुआ है। वन विभाग के अफसर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह आरोप भी लगाया गया कि बरेली वन प्रभाग के बहेड़ी चेक पोस्ट पर प्रतिदिन 500 से 600 ट्रक गुजरते हैं, जिसके सापेक्ष मात्र 50 से 60 ट्रकों से अभिवहन शुल्क की वसूली की जाती है। इस पर मुख्य वन संरक्षक रूहेलखंड जोन बरेली से रिपोर्ट प्राप्त की गई। रिपोर्ट में आरोपों को गलत बताते हुए शासन को अवगत कराया गया कि संबंधित राजस्व संग्रह केन्द्र प्रभागीय वनाधिकारी वन एवं वन्यजीव प्रभाग बरेली के नियंत्रणाधीन है। उनके द्वारा समय-समय पर स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाती है और निरीक्षण भी किया जाता है।

रिपोर्ट में प्रस्तुत राजस्व प्राप्ति के विवरण से पता चला कि राजस्व प्राप्ति में लगातार कमी दिखाई दे रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 8 माह का समय व्यतीत होने के बाद भी राजस्व प्राप्ति पिछले वर्षो की तुलना में एक तिहाई से भी कम है। ऐसे में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की शासन की नीति को देखते हुए विभागीय मंत्री दारा सिंह चौहान से विचार-विमर्श के बाद प्रमुख सचिव ने जांच कमेटी का गठन किया।