रेप का झूठा केस दर्ज कराने वाली युवती खुद फंसी, कोर्ट ने दिए FIR के आदेश
नई दिल्ली
एक युवती ने अपने परिचित युवक के खिलाफ दुष्कर्म और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन फिर शिकायतकर्ता युवती खुद अदालत पहुंची और आरोपी युवक की पैरवी करते हुए कहा कि उसने गुस्से में यह मुकदमा दर्ज कराया है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए मामले में संबंधित थाना पुलिस को शिकायतकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता की अदालत ने युवती के इस रवैये पर गंभीर चिंता जाहिर की। अदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों में पुलिस ही नहीं न्यायिक अधिकारी भी फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं। शिकायतकर्ता की पीड़ा को सभी पक्ष समझते हैं इसलिए हमेशा इस तरह के मामलों में समय-समय पर तत्काल कार्रवाई के दिशानिर्देश जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि महिला अपराध की आड़ में किसी बेकसूर को सामाजिक बदनामी और जेल दोनों का दर्द बर्दाश्त करना पड़े।
महिला ने कहा कि रुपयों के लेन-देन को लेकर हुआ था झगड़ा : इस मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी युवक को बीती 29 जुलाई को युवती से बलात्कार व धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपी की तरफ से अदालत में जमानत याचिका दायर की गई।
अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पीड़िता को पेश करने के निर्देश दिए। पीड़िता को 14 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया। पीड़िता ने अदालत में कहा कि असल में उनका विवाद पैसों के लेन-देन को लेकर हुआ था, लेकिन अब उन दोनों में समझौता हो गया है। इसलिए अब आरोपी को छोड़ दिया जाए। उसे इससे कोई आपत्ति नहीं है। अदालत ने पीड़िता का पक्ष जानने के बाद आरोपी को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी और शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।