युद्ध की तैयारियों में जुटी जिनपिंग की सेना, दो दिनों की मिलेट्री एक्सरसाइज!

युद्ध की तैयारियों में जुटी जिनपिंग की सेना, दो दिनों की मिलेट्री एक्सरसाइज!

बीजिंग
भारत के अलावा, चीन के कई पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है। ऐसे में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की तैनाती कई जगह कर रखी है। चीनी सेना के जवान समय-समय पर अभ्यास करते रहते हैं, जिसके वीडियोज, तस्वीरें भी साझा की जाती हैं। अभी चीन ने साउथ चाइना सी में कई दर्जनों मिसाइलें दागीं हैं। बीजिंग ने दावा किया है कि लाइव फायर ड्रिल के मौके पर कई जवानों ने हिस्सा लिया। पिछले कुछ समय से जिस प्रकार चीन युद्धाभ्यास में लगा हुआ है, उससे प्रतीत होता है कि वह युद्ध की तैयारियां भी कर रहा है और दूसरे देशों को युद्ध के लिए उकसा भी रहा है।

चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के अनुसार, दो दिनों की मिलेट्री एक्सरसाइज में तकरीबन 100 सैनिकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान, उन्होंने एयर-टू-एयर मिसाइलें दागीं। इसके जरिए से बीजिंग ने ताइवान समेत पड़ोसी देशों को अपनी सैन्य क्षमताओं को दिखाने की कोशिश की। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस महीने अपनी नौसेना से कहा था कि वह अत्यधिक सतर्कता बरतते हुए युद्ध की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करे। चाइना सेंट्रल टेलिवीजन स्टेशन (सीसीटीवी) के अनुसार, मंगलवार और बुधवार को हुई यह ड्रिल पीएलए के सदर्न थिएटर कमांड की नौसेना द्वारा आयोजित की गई थी।

इस ड्रिल में तकरीबन 100 फाइटर जेट के पायलटों ने हिस्सा लिया और दर्जनों मिसाइलों को दागा। सरकारी प्रोपेगैंडा मीडिया हाउस ने इस ड्रिल के बारे में जानकारी अपने वीबो अकाउंट पर दी है। उन्होंने वीडियो भी जारी किया है, जिसमें जवान फाइटर जेट्स में मिसाइलों को लोड कर रहे हैं और फिर दाग रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रिल का उद्देश्य वास्तविक युद्ध के माहौल में सैनिकों के 'प्रदर्शन' का परीक्षण करना था। यह फुटेज तब सामने आई है, जब चीन का ताइवान के साथ विवाद चल रहा है। बीजिंग ताइवान पर दावा करता रहा है। वहीं, 13 अक्टूबर को राष्ट्रपति जिनपिंग ने दक्षिणी चीन में स्थित मिलेट्री बेस का दौरा किया था। उन्होंने अपने नौसेना के सैनिकों को अपने दिमाग और युद्ध के लिए तैयार करने पर केंद्रित करने और उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने पर के लिए कहा था।

वहीं, दूसरी ओर चीन ने भारत से लगने वाली सीमा पर भी जवानों और हथियारों की तैनाती कर रखी है। पीएलए के जवानों ने कई बार घुसपैठ की भी कोशिश की है, लेकिन उसकी कोशिशों को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया है। सीमा पर जुटाए हथियारों से प्रतीत होता है कि चीन ने लद्दाख की कड़ाके की सर्दी में भी वहां रुकने का प्लान बना रखा है। हालांकि, भारत ने भी चीन को जवाब देते हुए लंबे वक्त के लिए वहां जवानों को तैनात करने का फैसला लिया है। इसके लिए हथियारों के अलावा, सभी जरूरी सामानों की भी उपलब्धता कर रखी है।