यमुना जल से ठाकुर जी का स्नान बंद, आरओ के पानी से नहलाया जा रहा

यमुना जल से ठाकुर जी का स्नान बंद, आरओ के पानी से नहलाया जा रहा

 मथुरा
               
                                                                                                                            
यमुना जल का प्रदूषण कहीं भगवान की सेहत पर असर न डाल दे,  इसलिए ठाकुर बांके बिहारी और द्वारिकाधीश को भी ट्यूबवेल और आरओ के पानी से नहलाया जा रहा है। इतना ही नहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान समेत अन्य प्राचीन मंदिरों में ठाकुरजी के विग्रहों को स्नान कराने के लिए सबमर्सिबल के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

ब्रज के प्रसिद्ध मंदिरों में यमुना जल से ठाकुरजी का नित्य जलाभिषेक कराने की परंपरा रही है। कुछ साल पहले कई मंदिरों ने यमुना जल का इस्तेमाल बंद कर दिया था। 

 बारिश के बाद पानी साफ होने पर यमुना जल का उपयोग होता था। लेकिन कई मंदिरों में इस मौसम से इस व्यवस्था को भी पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भी यमुना जल का उपयोग पूर्णत: रोक दिया गया गया है। धीरे-धीरे यमुना में प्रदूषण बढ़ने लगा तो इस आशंका में कि कहीं ठाकुर जी की प्रतिमा को खतरा न हो, मंदिरों में यमुना जल मंगाना बंद कर दिया। 

भक्त भी आचमन करने से कतराते हैं

एक दशक पहले तक ब्रज में आने वाले श्रद्धालु पहले यमुना जल में डुबकी लगाकर खुद की यात्रा को सफल मानते थे, लेकिन प्रदूषण ने इस धार्मिक मान्यता के मायने ही बदल दिए। अब तो लोग आचमन से भी कतराते हैं।

अंग्रेज शासन से नाथद्वारा जाता था यमुना जल

एक दशक पहले तक तो मथुरा से यमुना जल राजस्थान के प्रसिद्ध नाथद्वारा मंदिर भी ले जाया जाता था। पर अब यह परंपरा बंद हो चुकी है। ब्रिटिश शासन में बस में केबिन में पीतल का कलश लेकर आते थे और यमुना जल लेकर जाते थे। 

लोटे में जल ले जाने  वाले श्रद्धालु घटे

यमुनाजी के प्रति वैष्णव भक्तों में गहरी आस्था है। गुजरात और काठियावाड़ से आने वाले भक्त आज भी लोटियों में यमुना जल लेकर जाते थे। पर ये संख्या अब कम हो गई है। कारोबारी ने बताया कि अब प्रदूषण के कारण 20% भक्त ही जल यहां से ले जाते हैं। 

बांके बिहारी मंदिर में रोज एक भंडारी की ड्यूटी यमुना जल लाने की है। प्रदूषण के कारण पहले इसे आरओ में फिल्टर किया जाता है। इसके बाद ठाकुर जी का अभिषेक किया जाता है। -श्रीनाथ गोस्वामी, सेवायत ठाकुर बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन