भाजपा संगठन मजबूत करने में जुटी, रीति-नीति सिखाने के साथ समीक्षा निगरानी

भाजपा संगठन मजबूत करने में जुटी, रीति-नीति सिखाने के साथ समीक्षा निगरानी

भोपाल
उपचुनाव के नतीजों के बाद छह माह पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए नए सदस्यों को संघ और पार्टी की रीति-नीति और विचारधारा समझाने और उस पर अमल कराने की चुनौती पार्टी के समक्ष है। इसीलिए भोपाल प्रवास के दौरान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने करीबी नेताओं को साथ लेकर संघ और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कराने में जुट गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व का मानना है कि नए सदस्यों की हिचक दूर होने के बाद वे पार्टी में रमने में पीछे नहीं रहेंगे। इसलिए उनका सबसे संवाद कराया जाना जरूरी है।

इसी परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को भोपाल आए सांसद सिंधिया देर रात तक भाजपा और संघ के पदाधिकारियो के साथ मुलाकात करते रहे। सिंधिया ने संघ कार्यालय जाकर दीपक विस्पुते और अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। इस दौरान उनके साथ मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत व अन्य कार्यकर्ता पहुंचे थे। इसके अलावा वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के यहां भी इन सबको लेकर पहुंचे थे। पार्टी कार्यालय में भी इन सबके साथ सिंधिया ने श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की थी। सूत्रों का कहना है कि जिन नेताओं को सिंधिया अपने साथ लेकर आए हैं, उन्हें भाजपा की रीति नीति और विचारधारा में ढलने  पर जोर दिया जा रहा है।

इसी माह संघ प्रमुख मोहन भागवत, सह कार्यवाह भैय्या जी जोशी, सुरेश सोनी समेत संघ के अन्य पदाधिकारियों ने संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक भोपाल में की है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में भी अनौपचारिक तौर पर यह बात सामने आई थी कि सिंधिया के साथ आए नेताओं को संघ और भाजपा में रमना जरूरी है। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के जरिए सिंधिया तक यह मैसेज पहुंचा कि सिंधिया जब भी भोपाल जाएं तो करीबी नेताओं को संघ और भाजपा के पदाधिकारियों के साथ मिलवाने का काम जरूर करें। गौरतलब है कि इसके पहले भी जब सिंधिया भोपाल आए थे तो वे संघ कार्यालय पहुंचे थे। साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी घर जाकर मुलाकात की थी।