बॉर्डर पर बिगड़े हालात, सेनाओं के बीच 20 दिन में तीन बार हुई फायरिंग

बॉर्डर पर बिगड़े हालात, सेनाओं के बीच 20 दिन में तीन बार हुई फायरिंग

 दिल्ली
करीब 45 सालों तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एक भी गोली नहीं चली, लेकिन चीन की नापाक हरकतों की वजह से अब बॉर्डर पर माहौल बिगड़ने लगा है। जानकारी के मुताबिक, 20 दिन में पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तीन बार फायरिंग की घटना हो चुकी है। दूसरी ओर पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की ओर से किए जा रहे दुस्साहस की वजह से जारी तनाव के बीच, भारतीय सेना ने अपने अजेय बोफोर्स हॉवित्जर को ऑपरेशन के लिए तैयार कर लिया है।

सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहली बार गोलीबारी तब हुई जब 29-30 अगस्त को भारतीय सेना ने चीन की दक्षिणी पैंगोंग की ऊंचाई वाली चोटी पर कब्जा करने की कोशिश को नाकाम किया। वहीं दूसरी बार सात सितंबर को मुखपारी की चोटियों पर गोलीबारी हुई। सूत्रों के बताया कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर 8 सितंबर को चीनी सेना ने काफी आक्रामकता दिखाई, जिसके बाद दोनों ओर से करीब 100 राउंड फायरिंग हुई।

मॉस्को में हुई थी चीनी विदेश मंत्री के साथ मीटिंग
फायरिंग की घटना के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी रूस के मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए पहुंचे थे। इस बैठक से इतर भी दोनों विदेश मंत्रियों के बीच मीटिंग हुई थी और दोनों ने सीमा पर अप्रैल से जारी तनातनी पर बातचीत कर तनाव को कम करने की वकालत की थी। बातचीत के अनुसार, दोनों पक्ष कॉर्प्स कमांडर-स्तरीय वार्ता करने वाले थे, लेकिन अभी तक चीनी पक्ष की ओर से तारीख और समय की पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले राज्यसभा में आज एक सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा पिछले छह महीने में भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया है।

बोफोर्स भी तैयार
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लद्दाख में बोफोर्स तोपों को भी ऑपरेशन के लिए तैयार किया जा रहा है। लद्दाख में इंजिनियर्स 155 मिमी बोफोर्स तोप की सर्विसिंग और मेंटिनेंस का काम कर रहे हैं। बोफोर्स तोप को 1980 के दशक के मध्य में तोपखाने की रेजिमेंट में शामिल किया गया था।