बॉम्बे हाई कोर्ट के यह जज सुबह 3:30 बजे तक करते रहे मामलों की सुनवाई

मुंबई
बॉलिवुड फिल्म जॉली एलएलबी 2 का सीन आपको जरूर याद होगा, जब जज सुंदरलाल त्रिपाठी (सौरभ शुक्ला) एक केस को निपटाने के लिए सुबह तक सुनवाई करते हैं। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसजे कथावाला ने फिल्म का कोई किरदार तो नहीं अदा किया लेकिन वह शुक्रवार को सामान्य समय से शुरू हुई कोर्ट में अगले दिन सुबह 3 बजकर 30 मिनट तक मामलों की सुनवाई करते रहे। 
 
जस्टिस शाहरुख जे कथावाला के इतर अन्य सभी जज शाम 5 बजते ही लंबित मामलों का निपटारा करके चले गए।न्यायमूर्ति कथावाला इसी कोशिश में लगे रहे कि 5 मई से कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं तो महत्वपूर्ण और ज्यादा से ज्यादा मामलों का निपटारा कर दिया जाए।

कई मामलों पर हुई सुनवाई 
बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शाहरुख जे कथावाला की कोर्ट अगले दिन सुबह साढ़े 3 बजे तक चली। इस दौरान कई मामलों की सुनवाई के साथ-साथ याचिकाओं पर जरूरी निर्देश दिए गए। जज के साथ मौजूद रहे एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया, 'कोर्ट रूम वरिष्ठ अधिवक्ताओं से खचाखच भरा हुआ था, जिनके मामलों की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान तकरीबन 100 जन याचिकाएं थीं, जिन पर त्वरित अंतरिम राहत की मांग की गई थी।' 

जानिए, क्या बोले वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण समदानी 
यह पहला मौका था जब जस्टिस कथावाला ने शुक्रवार को इतनी देर तक मामलों की सुनवाई की। दो हफ्ते पहले भी वह अपने चेंबर में देर रात तक मामलों को सुनते रहे थे। एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण समदानी ने कहा, 'न्यायमूर्ति कथावाला उस समय भी (सुबह साढ़े 3 बजे) उतने ही फुर्तीले दिख रहे थे जैसा कि सुबह कार्यालय आने पर कोई लगता है। मेरा मामला सबसे अंत में सुने जाने वाले मामलों में शामिल था। तब भी न्यायाधीश ने बेहद धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी और आदेश पारित किया।' 

'रात भर मामले सुनते रहे, फिर सुबह भी पहुंच गए'
न्यायमूर्ति कथावाला आमतौर पर दूसरे न्यायाधीशों के मुकाबले करीब एक घंटा पहले सुबह 10 बजे अदालती कार्रवाई शुरू कर देते हैं और 5 बजे के बाद भी मामलों की सुनवाई करते रहते हैं। उनके स्टाफ के ही एक सदस्य ने बताया कि देर तक मामले की सुनवाई करने के बावजूद अगले दिन न्यायाधीश सुबह तय समय पर अपने कक्ष में लंबित मामलों को निपटाने के लिए पहुंच गए।