बारिश से रेलवे पटरी डूबी साबरमती एक्सप्रेस करना पड़ा रद्द

बारिश से रेलवे पटरी डूबी साबरमती एक्सप्रेस करना पड़ा रद्द

राजगढ़
 मध्य प्रदेश में दो दिन से हो रही बारिश ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के ज्यादातर बांध फुल हो गये हैं और नदी नाले उफान पर हैं। शहरों में कई इलाके डूब गये हैं तो प्रदेश के सैकड़ों गांव का संपर्क टूट गया है।

प्रदेश सरकार ने जिला कलेक्टर और राहत बचाव कार्य के लिये सभी टीम को हाई अलर्ट पर रखा है। मुख्यमंत्री ने सुबह ही आपात बैठक बुलाकर जिला और संभागीय स्तर पर निर्दश जारी कर दिये हैं।

साबरमती एक्सप्रेस रद्द

प्रदेश में बारिश के चलते हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। ताजा मामला राजगढ़ जिले हैं जहां सारंगपुर पढाना के पास रेलवे ट्रेक पूरी तरह से डूबा गया है। जिससे आज गुजरने वाली साबरमती एक्सप्रेस को रद्द करना पड़ा। रेलवे प्रशासन ने साबरमती एक्सप्रेस को गुना से ही लौटा दिया है। अब यह गाड़ी अब बीना होकर भोपाल जाएगी।

आपात बैठक

प्रदेश में भारी वर्षा की स्थिति को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आपात बैठक बुलाई है और सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं। साथ ही प्रदेश में राहत बचाव के कार्य के लिये जिला प्रशासन के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिला मुख्यालय स्थित आपदा नियंत्रण केंद्र को 24 घंटे सक्रिय रखा जाए और सभी जिला कलेक्टर्स अपने जिले के सभी बड़े बांधों एवं जलाशयों पर अमला पूरे समय अलर्ट की स्थिति में रखें।

नर्मदा नदी के बढ़ते जल स्तर को लेकर कहा है कि नर्मदा घाटी विकास द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम से प्रशासनिक अमला सतत संपर्क में रहे। बाढ़ की स्थिति में आपात राहत के लिए सभी उपयोगी उपकरण, खोज एवं बचाव दल आदि पूरी तरह तैयार और मुस्तैद रहे। सीएम ने कहा कि जलभराव और बांधों के गेट खोलने की स्थिति आने पर आवश्यक व्यवस्थाएं करें। बाढ़ की स्थिति की सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं समन्वय स्थापित करने के लिए जिला कलेक्टर अपने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर के साथ सतत संपर्क में रहे।

राजधानी भोपाल इंदौर जैसे शहरों में जल भराव की स्थिति और प्रदेश के कई शहरों में ऐसी ही स्थिति पर कहा कि जहां पानी भराव की स्थिति बनी हुई है वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री ने सभी संभाग के कमिश्नर को निर्देश दिये हैं कि सभी कमिश्नर नियमित मॉनिटरिंग करते रहें। राहत स्थलों पर भोजन पानी और आश्रय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो। जिला प्रशासन जहां भी जहां जरूरी हो, राहत टीम तत्काल जाए।