बच्चे की सर्दी-जुकाम अजवाइन की इस पोटली से करें ठीक
अब ठंड का मौसम शुरू हो गया है और चूंकि, बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए उन्हें आसानी से सर्दी-जुकाम पकड़ लेता है। नवजात शिशुओं या 0 से 6 महीने के शिशुओं की इम्यूनिटी तो विकसित तक नहीं हुई होती है इसलिए इन्हें बहुत जल्दी सर्दी-जुकाम हो जाता है।
इतने छोटे बच्चों को दवाई नहीं दी जा सकती है इसलिए कुछ सुरक्षित घरेलू नुस्खों से शिशु को जुकाम, सर्दी और बहती नाक की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। लेकिन उससे पहले 0 से 6 माह के शिशु में जुकाम के कारण जान लेते हैं।
शिशु में जुकाम के कारण
यदि सर्दी-जुकाम या खांसी से ग्रस्त व्यक्ति छोटे बच्चे के पास छींकता, खांसता या बात करता है तो उससे बच्चे को भी इंफेक्शन हो सकता है। जुकाम से ग्रस्त व्यक्ति शिशु को छूता है तो इससे भी बच्चे को वायरस पकड़ सकता है। संक्रमित व्यक्ति के शिशु के आंख, नाक या मुंह को छूने पर बच्चे को भी इंफेक्शन हो सकता है। कुछ वायरस जमीन, पर्दों, खिलौनों या चीजों पर दो या इससे ज्यादा घंटे तक रहते हैं। इन्हें छूने पर भी बच्चा वायरस के संपर्क में आ सकता है।
कैसे बनाएं अजवाइन की पोटली
सबसे पहले गैस पर तवा रख दें और एक चौथाई अजवाइन लें।
तवा लेने 6 से 7 लहसुन की कलियां लें।
लहसुन को भी अजवाइन पर डाल दें।
इन दोनों चीजों को तवे पर भुनने दें और तब तक चलाते रहें।
जब अजवाइन भुनने लगेगी, तब इसमें चट की आवाज आने लगेगी।
अजवाइन भुन जाए तो गैस बंद कर दें।
एक प्लेट लें और उस पर सूती कपड़ा बिछा दें।
फिर इस कपड़े की पोटली बना लें।
0 से 6 महीने के बच्चे के लिए उपयोग
अगर आपके नवजात शिशु को जुकाम हो गया है या उसके सीने में कफ जम गया है तो सरसों या नारियल तेल को हल्का गुनगुना कर लें। इस तेल से शिशु की मालिश करें और पोटली को हल्के-हल्के से बच्चे के सीने पर लगाएं।
पोटली के इस्तेमाल से पहले क्या करें
यहां इस बात का ध्यान रखें कि पोटली बहुत हल्की गर्म होनी चाहिए क्योंकि बच्चा ज्यादा गर्म सिकाई सहन नहीं कर पाएगा। शिशु की नाक बह रही है या जुकाम तेज हो रहा है तो गुनगुनी अजवाइन की पोटली शिशु के तकिए के नीचे रख दें।
इस तरह अजवाइन की खुशबू से शिशु की बंद नाक खुल जाती है और जुकाम भी ठीक हो जाता है।
कहां लगाएं पोटली
शिशु को सर्दी-जुकाम और कफ जमने या नाक बहने पर इस अजवाइन की पोटली से पीठ, छाती, पसलियों और पेट की सिकाई करें। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि पोटली बहुत ज्यादा नहीं बल्कि हल्की गर्म होनी चाहिए।