पीएम ओली नेपाली सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या देंगे इस्तीफा ? 

पीएम ओली नेपाली सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या देंगे इस्तीफा ? 

काठमांडू
नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के फैसले को पलटते हुए संसद के निचले सदन को बहाल कर दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही सरकार को अगले 13 दिनों के भीतर सदन का सत्र बुलाने का आदेश दिया है। इसके अलावा नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने 20 दिसंबर, 2020 को संसद भंग होने के बाद पीएम ओली के विभिन्न संवैधानिक निकायों को की गई सभी नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया है।

ओली के विपक्षी नेताओं ने जताई खुशी
सुप्रीम कोर्ट की संविधानिक पीठ के इस फैसले को पीएम ओली के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है। ओली के धुर विरोधी उनकी ही पार्टी के दूसने नंबर के नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड और माधव कुमार नेपाल ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। इसके अलावा विपक्षी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और डॉ शेखर कोइराला के अलावा जनता समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है।

क्या इस्तीफा देंगे पीएम ओली?
उधर पीएम ओली के सामने कोर्ट के फैसले के बाद बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। विपक्षी नेताओं ने कहा है कि पीएम ओली को अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बता दें कि ओली इस समय कार्यवाहक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं। अब जब उन्हें 13 दिनों के अंदर संसद का सत्र बुलाना है तो उनके खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं। इस बेइज्जती से बचने के लिए ओली पहले ही इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।

जिस डर से ओली ने संसद की भंग उसी का करेंगे सामना
पीएम ओली को पहले से ही पता था कि संसद के सत्र के दौरान विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर उनका प्रतिद्वंदी धड़ा अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। इसी कारण उन्होंने आनन-फानन में संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी थी। हालांकि अब उन्हें इसका सामना करना ही पड़ेगा। अगर विपक्ष एकजुट हो गया तो ओली के लिए कुर्सी बचाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।

क्या है पीएम ओली का 'प्लान बी'?
काठमांडू पोस्‍ट ने ओली के धड़े वाली नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी से जुड़ी महिला संगठन की एक नेता के हवाले से बताया था कि पीएम ओली विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर सकते हैं। दावा किया गया था कि नेपाली कांग्रेस के चीफ शेर बहादुर देउबा और ओली के बीच राजनीतिक गठबंधन हो सकता है। महिला नेता ने दावा किया था कि संसद के बहाल किए जाने की स्थिति में ओली ने कहा था कि देउबा के नेतृत्‍व में गठबंधन सरकार बनेगी। ओली ने कहा था कि हम चुनाव होने तक नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर बारी-बारी से मिलकर सरकार बनाएंगे।

ओली की राह नहीं होगी आसान
हालांकि, नेपाली कांग्रेस का एक धड़ा राम चंद्र पौडेल के नेतृत्‍व में पार्टी अध्‍यक्ष देउबा की खुलेआम आलोचना कर चुका है। पौडेल का कहना है कि ओली उस मजबूती के साथ ओली के कदम का विरोध नहीं कर रहे हैं जितना करना चाहिए। देउबा वर्ष 2017 से पार्टी के अध्‍यक्ष हैं और अगले महीने होने जा रहे चुनाव में एक बार फिर से अध्‍यक्ष पद के लिए दावेदारी करेंगे।