पटना में कई जगह लगाए गए रघुवंश प्रसाद सिंह के पत्र के पोस्टर

पटना में कई जगह लगाए गए रघुवंश प्रसाद सिंह के पत्र के पोस्टर

पटना
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल कोई भी मुद्दा हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के दिल्ली एम्स से लिखे पत्र पर भी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। इस पत्र को लेकर जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने पटना की सड़कों के किनारे कई पोस्टर लगाए हैं। जिसमें आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा गया है।

HAM ने पोस्टर में लालू यादव को 'होटवार जेल सुप्रीमो' कहा
पोस्टर में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को 'होटवार जेल सुप्रीमो' बताते हुए पूछा गया है, 'अपने बेटों को स्थापित करने के लिए वह कितनों की बलि लेंगे।' HAM के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की ओर से लगाए गए इस पोस्टर में एनडीए में शामिल दलों के नेताओं की तस्वीर भी लगाई गई है। पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान और HAM के अध्यक्ष जीतन राम मांझी की तस्वीर है।

पार्टी ने कहा- रघुवंश प्रसाद की चिट्ठी गांव-गांव लेकर जाएंगे
पूरे मामले में HAM प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी को कार्यकर्ता गांव-गांव लेकर जाएंगे। इससे पहले आरजेडी नेताओं ने रघुवंश प्रसाद सिंह के दिल्ली एम्स से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र पर सवाल उठाए थे। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि रघुवंश सिंह के पत्र में सरकार ने साजिश की है। कोई भी व्यक्ति आईसीयू से पत्र नहीं लिख सकता है।

रघुवंश प्रसाद सिंह के पत्र को लेकर गरमाई सियासत
महागठबंधन में शामिल कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी दावा किया कि रघुवंश बाबू से जबरन चिट्ठी लिखवाई गई थी। उन्होंने कहा कि वे रघुवंश बाबू को लंबे वक्त से जानते हैं, वो जहां थे, काफी मजबूती से थे। अखिलेश सिंह ने कहा कि वे रघुवंश बाबू से एक हफ्ते पहले मिले थे लेकिन उस वक्त भी लालू प्रसाद की ही तरफदारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू अपनी लड़ाई पार्टी में रहकर लड़ते थे, ऐसे में इस प्रकरण की घोर निंदा होनी चाहिए।

आरजेडी-कांग्रेस ने चिट्ठी को लेकर उठाए थे सवाल
इसी के बाद एनडीए के घटक दल इस मुद्दे को लेकर मुखर हो गए। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रदेश सरकार रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम इच्छा पूरी कर उन्हें सार्थक श्रद्धांजलि देगी। वे हमें अपने सपने सौंप कर गए हैं। उन्होंने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि रघुवंश बाबू वैशाली के गौरव, लोकतंत्र की गरिमा, किसानों के खेत और गरीबों के पेट की चिंता करने वाले राजनेता थे। लेकिन आखिरी वक्त में वे परिवारवादी और निजी सम्पत्ति बनाने के लिए राजनीति का दुरुपयोग करने वालों से इस कदर घिर गए थे कि उन्हें मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखनी पड़ी। उनका पत्र जनहित के मुद्दे लिए एनडीए सरकार की विश्वसनीयता का प्रमाणपत्र है।

निधन से दो दिन पहले रघुवंश प्रसाद सिंह ने सीएम नीतीश को लिखी थी चिट्ठी
रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। इससे दो दिन पहले ही उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था जिसमें वैशाली गढ़ पर गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराने समेत कई दूसरी मांगें रखी थी।