देखरेख के अभाव में जर्जर होता सिद्धेश्वर मंदिर का परिक्षेत्र

देखरेख के अभाव में जर्जर होता सिद्धेश्वर मंदिर का परिक्षेत्र

शिवपुरी
धर्मस्व विभाग के अधीन होकर शहर के धर्म क्षेत्र से जुड़े मंदिरों के जीर्णोद्वार और उन्नयनीकरण कार्य मप्र की खेलमंत्री और वर्तमान में शिवपुरी विधायक व कैबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों से संभव हुआ और शहर के अधिकांश मंदिर धर्मस्व विभाग के अधीन होकर उनका संचालन भी बना हुआ रहा लेकिन तत्सयम पदस्थ एसडीएम रूपेश उपाध्याय ने इन मंदिरों के नव-निर्माण और उन्नयनीकरण में योगदान दिया इसके बाद जब वह शिवपुरी से श्योपरी एसडीएम पदस्थ हो गए तब से यहां के मंदिरों की सुध जिला प्रशासन के द्वारा लेना ना के बराबर ही देखने को मिला।

यही कारण रहा है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण धर्मस्व विभाग के यह मंदिर अब जीर्णोद्वार होने के बाद भी जर्जर हालातों में नजर आने लगे है। इन्हीं में से प्रमुख है शहर के प्रसिद्ध श्रीसिद्धेश्वर मंदिर जहां सभी श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है और मंदि संचालन के श्रीसिद्धेश्वर समिति भी बनी हुई है बाबजूद इसके इस ओर मंदिर प्रबंधन का ध्यान नहीं यही कारण है कि मंदिर में लगाई गई राजस्थान मारबल अब उखडऩे लगी है और इस ओर किसी का ध्यान नहीं।

 इसके साथ ही मंदिर परिसर में स्वच्छता भी एक ख्बाब की तरह नजर आने लगी है यहां मंदिर के समीप कोनो में आए दिन गंदगी के ढेर लग रहे है जो कि सबको दिख तो रहे है लेकिन इस ओर सफाई करने की जहमत नहीं उठाई जा रही है। इसके अलावा मंदिर के जीर्णोद्वार के दौरान बनाई गई सुरक्षा दीवाल भी अब अनदेखी के अभाव में जर्जर होने के साथ तुड़ाई होने जैसे हालातों में निर्मित हो गई है और एक हिस्सा तो बाउण्ड्रीबाल का टूटकर आधा गिर चुका है यह बाउण्ड्रीबाल मंदिर की देखरेख और सुरक्षा के लिए बनाई गई थी लेकिन यहां देखरेख ना होने के कारण अब मंदिर में घनी-धोरी होने के बाबजूद भी इसकी सुध नहीं ली जा रही है।

जिससे लोगों की धार्मिक आस्थों को आघात पहुंच रहा है तो दूसी ओर मंदिर में गंदगी और मारबल सहित दीवार का टूटना भी कहीं ना कहीं मंदिर प्रबंधन की नाकामियों को उजागर कर रहा है। इस ओर जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है अन्यथा यह जीर्णोद्वार मंदिर कहीं अपने पुराने अस्तित्व में ना आए और यहां एक खुला मैदान नजर आए।