डॉ बोली, इलाज कराना है तो एक करोड़ का वेंटिलेटर लाओ, सस्पेंड
सागर
मध्यप्रदेश के सागर जिले के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में बुरी तरह से जली डेढ़ साल की बच्ची अंशिका अहिरवार के इलाज में लापरवाही एवं मनमानी करने पर कमिश्नर मनोहर दुबे द्वारा जूनियर डॉक्टर ज्योति राऊत को निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार शिक्षु विभाग की डॉ. ज्योति राऊत ने बच्चे के परिजनों के सामने ऐसी शर्त रखी जिसे पूरा करना नामुकिन था। डॉ ने कहा कि बच्चे के इलाज के लिए एक करोड़ रुपए की वेंटिलेटर मशीन आप के बच्चे के इलाज के लिए चाहिए, आप ला देंगे? डॉक्टरों की लापरवाही और अस्पताल प्रंबधन के पास इलाज के पर्याप्त संसाधन नहीं होने के चलते बच्ची की मौत हो गई। हादसे के बाद प्रकरण में जांच के लिए कमिश्नर मनोहर दुबे के निर्देशानुसार एडिशनल कमिश्नर वीरेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। यह समिति 48 घंटे के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। महिला डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान बच्ची के परिजनों को वेंटिलेटर की व्यवस्था को लेकर हुए बातचीत का एक वीडियो भी वायरल हुआ है।