झारखंड में बिजली पांच रुपये की जगह तीन रुपये प्रति यूनिट

झारखंड में बिजली पांच रुपये की जगह तीन रुपये प्रति यूनिट

रांची
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की संचरण परियोजनाओं और छह ग्रिड सबस्टेशन का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इन योजनाओं के लागू होने से गढ़वा, जसीडीह, गिरिडीह, दुमका, सरिया और जमुआ के लोगों को फायदा मिलेगा। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक युग में बिजली के बिना विकास की बात करना बेनामी है।

सोरेन ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में छह-छह ग्रिड सब स्टेशन का उदघाटन यह दर्षाता है कि राज्य सरकार जनहित और सभी को आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आपदा से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लॉकडाउन के दौरान राज्य में किसी की भूख से मौत न हो, इसके लिए सरकार की ओर से पर्याप्त कदम उठाये गये।

वहीं पूर्ण तालाबंदी के दौरान लोगों को जीवन के साथ जीविका उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संचरण लाइन और ग्रिड सब स्टेशन निर्माण के बाद राज्य सरकार को पांच रुपये की जगह तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल पाएगी। सोरेन ने कहा कि इन छह बिजली परियोजनाओं के शुरू होने से निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में यह बड़ा कदम हैं।

गढ़वा में जहां बिजली के लिए दूसरे राज्य से आपूर्ति पर निर्भरता थी, वहीं अब भागोडीह ग्रिड सब स्टेशन व संचरण लाइन शुरू होने से इससे निजात मिल गई है। वहीं जसीडीह ग्रिड सब स्टेशन के चालू होने से देवघर में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी। इसके साथ यहां एम्स और एयरपोर्ट का निर्माण कार्य हो रहा है. इससे देवघर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

डीवीसी से नहीं लेनी होगी महंगी बिजली
गिरिडीह, जमुआ और सरिया में ग्रिड सब स्टेशन एवं संबंद्ध संचरण लाईन के चालू होने से गिरिडीह जिले में बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी पर निर्भरता नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी उद्योग धंधों को बिजली देने में आगे रहती है, लेकिन झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति को लेकर अलग रवैया अपनाती है। लेकिन, अब इससे छुटकारा मिल गया है। इतना ही नहीं, जहां डीवीसी से पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली लेनी पड़ती थी, वहीं अब इसकी दर मात्र तीन रुपए प्रति यूनिट आएगी।


आपदाओं से लड़ने में सक्षम हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। लेकिन, इस आपदा से निपटने में हम सक्षम हैं। सरकार को राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों की चिंता है। हर घटना पर हमारी नजर बनी हुई है। जांच में तेजी लाई गई है और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान सरकार ने मुफ्त में अनाज के साथ भोजन वितरण का कार्य बड़े पैमाने पर किया। इसी का नतीजा है कि हमारे राज्य में भूख से मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ रहे मामले से निपटना कड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन हतोत्साहित नहीं है। लोगों की जान बचाना औऱ भूख से कोई मौत नहीं हो, इसके लिए सरकार ने सभी पुख्ता इंतजाम किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब कोरोना जंग से भी लड़ना है औऱ व्यवस्था भी चलानी है।

इस मौके पर मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक सुदिव्य कुमार, विधायक सरफराज अहमद, रांची नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह- अध्यक्ष-सह प्रबंधनिदेशक, झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।


जानें किस राज्य में कितनी सस्ती बिजली

    दिल्ली: 200 यूनिट तक फ्री, 1200 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ता को प्रति यूनिट 8 रुपए।
    उत्तर प्रदेश: घरेलू उपभोक्ताओं की 0-150 यूनिट की स्लैब की बिजली दर 6.20 रुपये प्रति यूनिट
    पश्चिम बंगाल: तीन महीने में 75 यूनिट बिजली की खपत करने वालों से बिल नहीं लिया जाएगा
    बिहार: 1-100 (शहर) यूनिट 4.32 रुपये यूनिट, 1-50 (ग्रामीण) 2.65 रुपये प्रति यूनिट, मीटर चार्ज फ्री