जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वैक्सीन का ट्रायल रोका, टीका लगाने से बीमार पड़ा शख्स

जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वैक्सीन का ट्रायल रोका, टीका लगाने से बीमार पड़ा शख्स

वॉशिंगटन
भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले में बढ़ते जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 71 लाख के पार पहुंच गई है. कोरोना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) विकसित करने का काम भी तेजी से चल रहा है. इस बीच अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) कंपनी ने फिलहाल अपनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया है. ऐसा ट्रायल में हिस्सा ले रहे शख्स के बीमार होने के चलते करना पड़ा.

जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी कर बताया गया, ‘हमने अपने सभी कोविड-19 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल अस्थायी रूप से रोक दिया है.' कंपनी ने इसकी वजह ट्रायल के दौरान एक सहभागी का बीमार होना बताया.’


इस महीने की शुरुआत में जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका में वैक्सीन बनाने वालों की शॉर्ट लिस्ट में शामिल हुआ है. जॉनसन एंड जॉनसन की एडी26-सीओवी2-एस (SD26-COV2-S Vaccine) वैक्सीन अमेरिका में चौथी ऐसी वैक्सीन है, जो क्लिनिकल ट्रायल के आखिरी फेज में है. पिछली बार की रिपोर्ट में कहा गया था कि वैक्सीन ने शुरुआती स्टडी में कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स दिया है. रिसर्चर्स ने कहा था कि अब तक के क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट के आधार पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं थे.

जॉनसन एंड जॉनसन ने हाल ही में इस वैक्सीन के आखिरी फेज का ट्रायल शुरू किया था. कंपनी ने तब कहा था कि इसके तहत अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको और पेरू में 60 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगने की खबर जाहिर तौर पर एक बड़ा झटका है. इससे पहले एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी गई थी.

कोरोना की वैक्सीन बनाने की रेस में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन सबसे आगे चल रही थी, लेकिन बीते दिनों कुछ वॉलंटियर की कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद 6 सितंबर तीसरे फेज का ट्रायल रोकना पड़ा. हालांकि,ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ब्रिटेन और भारत में दोबारा ट्रायल शुरू हो चुका है. अमेरिका या अन्य देशों ने अभी दोबारा मंजूरी नहीं मिल पाई है.