चुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव का शिव भक्त अवतार, महादेवा मंदिर में की पूजा

चुनाव में हार के बाद अखिलेश यादव का शिव भक्त अवतार, महादेवा मंदिर में की पूजा

बाराबंकी 
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव बाराबंकी पहुंचे और रानीगंज गांव में जहरीली शराब काण्ड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. रानीगंज से लौटते वक्त अखिलेश अलग अवतार में दिखे. वे महादेवा मंदिर गए और भगवान शिव की आरती और पूजा अर्चना की. अखिलेश ने बाराबंकी यात्रा के दौरान गर्मा गर्म भुट्टे का भी आनंद लिया.

बाराबंकी के रानीगंज गांव पहुंचे अखिलेश ने जहरीली शराब पीकर मरे परिवार के आश्रितों के लिए 20-20 लाख रुपये मुआवजे की मांग की. अखिलेश ने कहा कि जहरीली शराब सरकारी ठेके की थी, उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का शराब माफियाओं से साठगांठ का ही ये नतीजा है कि लोग जहर पीकर मर रहे हैं.

रानीगंज से वापसी के वक्त अखिलेश यादव पौराणिक महत्व के आस्था केन्द्र महादेवा मंदिर भी गए. यहां अखिलेश शिव भक्त अवतार में दिखे. मंदिर में गर्भगृह में अखिलेश पालथी मारकर बैठे दिखे. उन्होंने लाल रंग की अंगवस्त्रम भी ओढ़ रखी थी. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना धर्मराज युधिष्ठिर ने की थी और पाण्डवों ने इस मंदिर की परिक्रमा की थी. पूजा के बाद अखिलेश ने भी मंदिर क्षेत्र की परिक्रमा की.

बाराबंकी से लौटते हुए तेज गर्मी में अखिलेश का काफिला रामनगर रेलवे क्रासिंग पर काफी देर रुका रहा. इस दौरान  कुछ लोगों ने सेल्फी ली. तभी अखिलेश की नजर सड़क के किनारे भुट्टा बेच रहे एक शख्स पर पड़ी. अखिलेश गर्म-गर्म भुट्टा खाने की चाहत दबा न सके, लेकिन उन्होंने पहले मोलभाव किया फिर भुट्टा खरीदा. अखिलेश ने दुकानदार से पूछा भुट्टा कितने का है. जवाब मिला 10 रुपये का. अखिलेश बोले बड़ा महंगा है. मीठा नहीं होगा तो वापस कर दूंगा. पूर्व सीएम का रौब देखकर भुट्टा वाला भी डर गया और बोला, भैया 5 रुपये का खरीदता हूं और 10 रुपये में बेचता हूं.

अखिलेश यादव और उनके काफिले में शामिल लोगों ने भुट्टा खाया पैसा दिया और आगे बढ़ गए. जाते जाते अखिलेश ने मीडिया से भी बात की और कहा कि भुट्टा तो अच्छा था लेकिन कम मीठा था. जब उनसे पूछा गया कि  क्या भुट्टा महंगा तो नही था? तो उन्होंने नहीं में जवाब दिया और कहा कि गरीब बेचारा महंगा क्या देगा.