चीन और ताइवान के बीच सैन्य हालात तनावपूर्ण बने

चीन और ताइवान के बीच सैन्य हालात तनावपूर्ण बने

ताइपे
चीन भले ही ताइवान को सैन्यशक्ति दिखाकर उसे हासिल करना चाहता हो, ताइपे झुकने के लिए तैयार होता नहीं दिख रहा है। ताइवान की सेना ने साफ किया है कि वह भले ही किसी से दुश्मनी न बढ़ाए, अपने खिलाफ विरोधी ऐक्शन पर चुप नहीं रहेगी। बता दें कि पिछले दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि चीन ने साउथ चाइना सी में ताइवान के इलाके पर कब्जा करने के लिए युद्धाभ्यास के नाम पर हजारों सैनिकों को उतार दिया है और इसके जवाब में ताइवान ने भी लगभग 200 मरीन कमांडोज की एक कंपनी को प्रतास द्वीप पर भेजा है।

'कोई कम न समझे'
ताइवान की सेना ने भी अब अपने इरादों की झलक दिखाई है। ट्विटर पर शेयर किए वीडियो के साथ लिखा है- 'हमारे देश की सुरक्षा करने के लिए हमारे समर्पण को कोई कम न समझे। हमारी सेना किसी से दुश्मनी नहीं करेगी लेकिन विरोधी गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देगी।' इससे पहले पिछले हफ्ते ताइवान सेना ने ट्वीट किया था- 'ताइवान स्ट्रेट में PLA गतिविधियों पर मीडिया रिपोर्ट्स के जवाब में ताइवान की सेना इलाके का सक्रियता से सर्विलांस कर रखा है। संप्रभुता की रक्षा करने की क्षमता है। क्षेत्रीय स्थिरता के लिए क्रॉस-स्ट्रेट में शांति बेहद अहम है।'

ताइवान के द्वीप पर हमले की फिराक में चीन
कुछ दिन पहले जापान के क्योडो न्यूज ने बताया था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हैनान द्वीप पर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण अभ्यास करने की योजना बना रहा था, जिसमें ताइवान-नियंत्रित द्वीपों पर कब्जे का प्रयास भी किया जाएगा। यह भी बताया गया कि पीएलए के दक्षिणी कमांड थिएटर के निर्देशन में होने वाले इस युद्धाभ्यास में बड़े पैमाने पर मरीन कमांडो, लैंडिंग शिप्स होवरक्राफ्ट और सैन्य हेलिकॉप्टर शामिल होंगे।

चीन ने दी थी धमकी, 'उड़ा देंगे एयरस्पेस'
वहीं, ताइवान और अमेरिका के बीच F-16V जेट की डील से बौखलाए चीने के प्रॉपगैंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के एक्सपर्ट्स के हवाले से आक्रामक अंदाज में कहा था, 'PLA के लिए F-16V फाइटर जेट खतरा हो सकते हैं लेकिन PLA के पास उसकी टक्कर में J-10B और J-10C फाइटर जेट हैं और और J-11 का तो वे सामना भी नहीं कर सकते, J-20 के बारे में तो क्या ही कहा जाए।' एक्सपर्ट्स ने यह भी कहा कि अगर बलपूर्वक रीयूनिफेकिशन की कोशिश हुई तो PLA ताइवान की एयर फील्ड और कमांड सेंटर्स क तबाह कर देगी और F-16V को उड़ने का मौका भी नहीं मिलेगा और जो पहले से हवा में होंगे उन्हें लैंड करने के लिए जगह नहीं मिलेगी।