गलत मैनेजमेंट से लगा रहे 10-12 किमी का चक्कर, ब्रेक हो रही इमरजेंसी सर्विस
भोपाल
एक बार फिर शहर पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है और इसकी वजह है इमरजेंसी सर्विस का गलत मैनेजमेंट। कोरोना कर्फ्यू के दौरान पुलिस ने आउट समेत करीब 150 पाइंट पर बैरिकेड्स लगाकर रास्ते बंद कर रखे हैं। इसके बाद भी वाहनों का दबाव कम नहीं हो रहा है। ऐसे में लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में समय तो लग ही रहा है साथ ही उन्हें 10-12 किमी तक का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
वे मरीज को इमरजेंसी में लेकर जा रहे लोगों के लिए भी बैरिकेड्स तक नहीं हटाते हैं। सुभाष नगर फाटक को बंद हुए कई महीने हो चुके हैं। पुलिस ने सुभाष नगर और रचना नगर अंडर ब्रिज को बंद कर रखा है। ऐसे में जिंसी और पुल बोगदा से एमपी नगर की ओर आने वाले वाहनों को मेहता मार्केट, सिक्युरिटी लाइन तिराहा, भारती निकेतन, चेतक ब्रिज होकर आना-जाना पड़ रहा है।
जहांगीराबाद जाने वाले काली मंदिर रोड और भारत टाकीज के पास के मार्ग पर भी बैरिकेड्स लगने से मरीज के परिजन दवा लेने के लिए पैदल भी नहीं जा सकता है। इसी तरह से पीरगेट के पास का रास्ता भी जाम कर दिया गया है। अगर ऐसा ही करना था तो फिर अत्यावश्यक सेवाओं को छूट का लाभ क्या हुआ।
पुलिस की सख्ती से अतिआवश्यक सेवाओं में लगे हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। बुधवार को सुबह पुलिस ने कोलार रोड को बंद करके दानिश पुल-शाहपुरा से आवागमन कराया। इससे सैकड़ों लोग 5 से 7 किलोमीटर का चक्कर लगाने का मजबूर हुए। पुलिस ने कोलार रोड के मंदाकिनी-अमरनाथ चौराहे से आवागमन बंद करके जेके अस्पताल, दानिश पुल और शाहपुरा होते हुए लोगों को बाहर जाने दिया। अतिआवश्यक सेवाओं में लगे हजारों लोगों का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस अब लोगों को परेशान कर रहे हैं। वैसे ही आम आदमी वर्तमान में आवागमन नहीं कर रहे हैं। इसके बाद इस तरह हर कभी रास्ते बंद करना उचित नहीं है। इस अव्यवस्था में एबुंलेंस वाहन भी फंस रहे हैं।