कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका, कहा- आरोपी को दंगों की उग्रता के बारे में थी जानकारी

कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका, कहा- आरोपी को दंगों की उग्रता के बारे में थी जानकारी

नई दिल्ली 
दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल की शुरुआत में चांद बाग पुलिया के पास हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल एक अभियुक्त की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह 'दंगों की उग्रता के प्रति सचेत' था। कोर्ट ने कहा, 'यह अदालत इस तथ्य के प्रति सचेत है कि चांद बाग पुलिया या उसके आसपास के क्षेत्र में सांप्रदायिक दंगे कितने भयंकर थे, जिसमें बड़े पैमाने पर सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ। इसमें कई लोग घायल हो गए और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई।' कड़कड़डूमा कोर्ट के न्यायाधीश विनोद यादव ने शनिवार को गुलफाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही कहा कि अपराध की गंभीरता और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि प्रत्यक्षदर्शी एक ही इलाके के निवासी हैं और यदि इस स्तर पर जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो वह गवाहों को धमका सकता है।  उन्होंने कहा, 'इस तरह, मैं आवेदक को जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं हूं। जमानत याचिका तदनुसार खारिज कर दी जाती है।'

आरोपी की ओर से वकील अनीस मोहम्मद कोर्ट में पेश हुए और कहा कि आरोपी एक युवा है, जोकि दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए की पढ़ाई कर रहा है। इसके साथ ही वह अपने पिता के साथ दुकान पर कपड़े बेचने में मदद करता है। वकील ने कहा कि अनीस पांच मई, 2020 से ही न्यायिक हिरासत में है और पूरे मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।  वकील ने कहा, 'आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी रूप से स्थायी सबूत नहीं है और प्राथमिकी दर्ज करने में एक अस्पष्टीकृत देरी हुई।' उन्होंने तर्क दिया कि आवेदक किसी भी सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिख रहा है। वहीं, मामले की जांच पूरी हो चुकी है, चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है। आवेदक को किसी भी हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है और उसे सलाखों के पीछे रखकर कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। वहीं, वह पहले भी कभी दोषी नहीं ठहराया गया है। वहीं, विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि यह 'चांद बाग पुलिया', ताहिर हुसैन के घर के पास हुए दंगों के मामलों में से एक है, जो कई मामलों में मुख्य अभियुक्त था। इस मामले में एफआईआर 1 मार्च, 2020 को दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि चांद बाग पुलिया पर या उसके आसपास के दंगे 23.02.2020 से 26.02.2020 तक 'बहुत भयंकर' थे। इसमें कई व्यक्ति घायल हुए और करोड़ों रुपये की सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इसके अलावा, एक आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की भी हत्या हुई।