कोरोना के खिलाफ जंग के बीच 1100 मजदूरों को पाल रही है MP पुलिस
भोपाल
लॉकडाउन (lockdown) के बाद नीमच (neemuch) में फंसे मजदूरों के लिए पुलिस ने बड़ी पहल शुरू की है. पुलिस (police) ने इन मजदूरों के लिए अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया है. इसमें उनके दोनों वक्त के भोजन के लिए अनाज-पानी रखा गया है. पुलिस के इस काम में जनता भी सहयोग कर रही है. यह सभी मजदूर नीमच जिले की सीमा पर पहुंचे थे. इन सभी के लिए जगह-जगह सोशल डिस्टेंस और तमाम नियमों का पालन करते हुए पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं.
लॉकडाउन की घोषणा के बाद नीमच जिले की सीमा पर 1100 मजदूर पहुंचे थे. इनमें से कुछ पड़ोसी राज्यों के हैं और लॉकडाउन होने पर ये अपने घर लौटने की हड़बड़ी में थे. लेकिन फिर यहीं अटक गए. इन मजदूरों के लिए नीमच पुलिस और प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर अस्थाई आवास और भोजन का इंतजाम कराया है. जिले की सीमा पर स्थित एक दर्जन अंतर्राज्यीय चैक पोस्ट और अंतर जिला चैक पोस्ट के पास ढाबा, होटल, मैरिज गार्डन सहित अन्य सार्वजनिक भवनों में पुनर्वास शिविर बनाए गए हैं. इन शिविरों में मजदूरों को पहुंचाने से पहले उनका चैकअप किया गया कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं है.
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के बाद नीमच जिले में खासतौर पर राजस्थान, पंजाब, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर क्षेत्र से लगभग 1100 मजदूर और उनके परिवार यहां अटक गए हैं. मजदूरों और उनके परिवार के अस्थाई आवास के लिए पुलिस ने कुल 65 होटल, धर्मशाला, मैरिज गार्डन और मांगलिक भवन जिला प्रशासन से अधिग्रहित कराए हैं. नीमच जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. साथ ही पुलिस 24 घंटे चौकसी कर रही है. पुनर्वास केंद्रों में मजदूरों की हर जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद हालात को देखते हुए इन्हें इनके घर पहुंचाने का इंतज़ाम किया जाएगा. तब तक ये सब यहीं रहेंगे.