कश्‍मीर मुद्दे पर तुर्की के राष्‍ट्रपति को UN में भारत ने दिया करारा जवाब

कश्‍मीर मुद्दे पर तुर्की के राष्‍ट्रपति को UN में भारत ने दिया करारा जवाब

संयुक्‍त राष्‍ट्र
संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के मंच से कश्‍मीर पर एक बार फिर से जहरीले बयान देने वाले तुर्की के राष्‍ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगान को भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा कि तुर्की के राष्‍ट्रपति भारत के आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप कर रहे हैं जो पूरी तरह से अस्‍वीकार्य है। भारत ने कहा कि कश्‍मीर पर बयान देने से पहले तुर्की को खुद अपनी नीतियों की गहराई समीक्षा करनी चाहिए।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारतीय प्रतिनिधि पीआर यूएन कृष्‍णमूर्ति ने एक बयान जारी करके कहा, 'हमने तुर्की के राष्‍ट्रपति का भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्‍मू और कश्‍मीर को लेकर दिया गया बयान देखा है। वह भारत के आंतरिक मामले में हस्‍तक्षेप कर रहे हैं और यह पूरी तरह से अस्‍वीकार्य है। तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्‍मान करना सीखना चाहिए और उसे खुद अपनी नीतियों की गहराई से समीक्षा करना चाहिए।'

कश्मीर एक ज्वलंत मुद्दा है: तैय्यप एर्दोगान
इससे पहले एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा था। उन्होंने कहा कि कश्मीर एक ज्वलंत मुद्दा है और दक्षिण एशिया में शांति और स्थि‍रता के लिए बेहद अहम है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर के स्पेशल स्टेटस (अनुच्छेद 370) को हटाए जाने के बाद यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। हम इस समस्या का संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत हल चाहते हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान की तारीफ भी की।

कश्मीर को फिलिस्तीन बता चुके हैं एर्दोगन
अगस्त में ईद उल अजहा के मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से बात करते हुए कश्मीर पर समर्थन का आश्वासन दिया था। एर्दोगन ने पहले भी कई बार कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की है। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत पर कोरोना काल में भी कश्मीर में अत्याचार का झूठा आरोप भी लगाया था। जबकि सच्चाई यह है कि कश्मीर पर भारत को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रहे एर्दोगन तुर्की मे खुद एक कट्टर इस्लामिक तानाशाह के रूप में जाने जाते हैं।

भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बना तुर्की
तुर्की अब पाकिस्तान के बाद 'भारत-विरोधी गतिविधियों' का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केरल और कश्मीर समेत देश के तमाम हिस्सों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुर्की से फंड मिल रहा है। एक सीनियर गवर्नमेंट अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की भारत में मुसलमानों में कट्टरता घोलने और चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी यह कोशिश दक्षिण एशियाई मुस्लिमों पर अपने प्रभाव के विस्तार की कोशिश है।

मुस्लिम देशों का नेता बनना चाह रहे एर्दोगन
एर्दोआन ने पिछले दिनों ऐतिहासिक हगिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदल दिया जो सन 1453 तक एक चर्च रहा था। एर्दोआन मुस्लिम जगत में सऊदी अरब की बादशाहत को चुनौती देने की लगातार कोशिशों में लगे हैं। पिछले साल उन्होंने मलयेशिया के तत्कालीन पीएम महातिर मोहम्मद और पाकिस्तान पीएम इमरान खान के साथ मिलकर नॉन-अरब इस्लामी देशों का एक गठबंधन तैयार करने की कोशिश की थी।