एक प्रोजेक्ट के दो नक्शे बनाकर 993 लोगों को बेच दिए 734 प्लॉट
भोपाल।
राजधानी में 30 से 40 साल पहले बनी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा की गई धांधली के कई मामले अब उजागर हो रहे हैं। 32 साल पहले 24 एकड़ में स्वजन गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित ने तीन इकाई बनाई थीं। इसमें कुल 734 प्लाट बेचे गए। लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि 734 प्लाट के 993 मालिक हैं, जो न्याय के लिए भटक रहे हैं।
दरअसल, साल 1986 में होशंगाबाद रोड स्थित जाटखेड़ी, कौशल नगर और हरीगंगा नगर में प्लाट बेचे गए थे। रहवासी बताते हैं कि छल पूर्वक अलग-अलग नक्शे के आधार पर जमीनो का सौदा किया गया। जाटखेड़ी प्रोजेक्ट में 3.09 एकड़ के लिए दो नक्शे बनाए गए। पहला साल 1986 और दूसरा 1999 में बनवाया गया। दोनों ही नगर निगम और टीएंडसीपी ने एप्रूव भी किए और फिर फर्जीवाड़ा शुरू किया गया। यहां दूसरे नक्शे में न सिर्फ बिक चुके प्लाटों का ले-आउट ही बदल दिया गया। साथ ही सड़कों के साथ प्लाट साइज में भी परिवर्तन कर प्लाट दोबारा बेच दिए गए। अधिकांश प्लाट खरीदारों को उनके प्लाट के बारे में ही जानकारी नहीं है।
बिक चुकी जमीन को गिरवी भी रख दिया
इस समिति में धांधली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहले तो प्लाटों को बेचा गया फिर उन्हें गिरवी रखा गया। यह खेल साल 2000 में किया गया। कौशल नगर और हरीगंगा नगर के विकास के लिए आवास संघ से कुल 1 करोड़ 38 लाख 27 हजार का ऋण लिया। कौशल नगर को गिरवी रखकर 86.14 लाख और हरीगंगा नगर पर 52.13 लाख का लोन लिया गया। जानकारी के अनुसार ब्याज सहित वर्ष 2015 तक यह ऋण 8 करोड़ 15 लाख रुपए हो गया, जो अभी चुकाया नहीं गया है।
पहले ही जमा करा लिया था विकास शुल्क
विकास कराने के नाम परसमिति ने दो प्रोजेक्ट्स की जमीन को गिरवी रखा था। लेकिन जमीन बेचने के दौरान ही गृह निर्माण समिति ने प्रति खरीदार 5 हजार 850 रुपए विकास शुक्ल के जमा कराए थे। वर्ष 1986 से 1996 तक करीब 42 लाख रुपए सिर्फ विकास के नाम पर लोगों से लिए गए।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जाटखेड़ी में आरसी बकोरिया ने साल 2008 को 1950 वर्ग फीट का प्लाट 3 लाख 90 हजार रुपए में खरीदा। समिति सदस्यों ने ही उन्हें री-सेल में प्लॉट बेचा। यह प्लॉट भी साल 1986 में तैयार नक्शे के आधार पर बेचा गया था। मौके पर उन्हें प्लाट और नक्शा दिखाया गया। इसके बाद उन्हें दूसरे नक्शे के आधार पर बिक्री की जानकारी मिली। साथ ही उन्होंने इस मामले की जानकारी जुटाई तो पाया कि दो नक्शे पर प्लाटों का ले-आउट तैयार किया गया है। आरसी बकोरिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि इस मामले में प्रथम समिति के अध्यक्ष सुरेश पटेल, दूसरे अध्यक्ष रमेश पटेल इसके बाद राजेंद्र पाटीदार, विचित्र मोहन श्रीवास्तव ने धांधली कर लोगों को ठगने का काम किया।