उपचुनाव: भाजपा-कांग्रेस का गणित प्रभावित करेगी सपा-बसपा की मौजूदगी

उपचुनाव: भाजपा-कांग्रेस का गणित प्रभावित करेगी सपा-बसपा की मौजूदगी

भोपाल
प्रदेश में 28 सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में बसपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस और भाजपा के वोटों में भारी सेंध लगाई थी। मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया जिलों और सागर जिले की उपचुनाव वाली सीटों पर बसपा की मौजूदगी से दोनों ही दलों के नेताओं की जीत का गणित प्रभावित होता रहा है और इस चुनाव में भी बसपा की छाया इनकी जीत पर असर डाल सकती है। उधर समाजवादी पार्टी को चुनाव में उतारने के लिए कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं। इसलिए सपा ने सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप नम्बर जारी कर टिकट दावेदारों से आवेदन बुलाए हैं।

विधानसभा चुनाव 2018 में उपचुनाव वाली सीटों पर बसपा के उम्मीदवार दो सीटों जौरा और पोहरी में दूसरे नम्बर पर रहे हैं। जौरा में दिवंगत कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा बसपा के मनीराम धाकड़ से 15173 मतों से जीते थे और भाजपा यहां तीसरे नम्बर पर रही थी। इसी तरह पोहरी सीट पर कांग्रेस से कैंडिडेट रहे सुरेश धाकड़ (अब भाजपा प्रत्याशी) बीएसपी के कैलाश कुशवाह से 7918 वोट से जीते थे। यहां भी भाजपा को तीसरा स्थान मिला था। इसके अलावा अम्बाह विधानसभा सीट भी दिलचस्प रही है। यहां से नेहा किन्नर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 7547 मतों से चुनाव हारी थी।

नेहा को कांग्रेस के कमलेश जाटव (अब भाजपा प्रत्याशी) से हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा तीसरे स्थान पर थी। इसके अलावा इस अंचल की आधा दर्जन सीटों पर भी बसपा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद तीसरे स्थान पर आई थी। इसलिए बसपा के थोक वोट होने के कारण ग्वालियर चंबल की सीटों पर इस पार्टी के कैंडिडेट इस चुनाव में भी अपना असर डाल सकते हैं और भाजपा व कांग्रेस को इनकी चुनौती का सामना करना पडेÞगा।

इस चुनाव में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2018 वाले ही मुख्य उम्मीदवार आमने सामने हैं। फर्क यह है कि उनके दल बदल गए हैं। सुमावली से अजब सिंह कुशवाह और एदल सिंह कंसाना,  ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल और सतीश सिकरवार आमने सामने हैं। इस चुनाव में अजब सिंह कांग्रेस से हैं जबकि पिछले चुनाव में भाजपा से थे। सतीश सिकरवार भी कांग्रेस से हैं जबकि पिछला चुनाव भाजपा से लड़ा था। इसी तरह अम्बाह से कमलेश जाटव और नेहा किन्नर आमने सामने हैं। जाटव पिछले बार कांग्रेस से थे, इस बार भाजपा से हैं।

यूपी में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को सालों तक सत्ता दिलाने वाली समाजवादी पार्टी को प्रदेश में उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। इसका असर यूपी से सटे ग्वालियर चंबल की सीटों पर भी देखने को मिल रहा है। लाचार समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर कैंडिडेट बुलाए हैं। इसके लिए पार्टी की ओर से कहा गया है कि मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव हेतु आवश्यक सूचना यह है कि विधानसभा उपचुनाव के लिए जो भी समाजवादी पार्टी नेता, कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी, समाजवादी पार्टी टिकट के लिए इच्छुक हैं कृपया सोशल मीडिया पर वायरल किए गए व्हाट्सएप पर अपना आवेदन व्हाट्सएप करें।