इस एप्लीकेशन से चुनावी राह होगी आसान, पता चल जाएगा किस बूथ पर कौन कर्मी है तैनात और क्या है नंबर
पूर्णिया
तीन वैज्ञानिकों ने चुनावी राह आसान कर दी है। पूर्णिया, भागलपुर और नालंदा के एनआईसी (नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर) में कार्यरत तीनों वैज्ञानिकों ने मिलकर इलेक्शन र्पोंलग पर्सन मेनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम (ईपीएमआईएस) एप्लीकेशन बनाया है। लोकसभा चुनाव में ट्रायल के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में सभी जिलों में इस एप्लीकेशन का प्रयोग किया जाने वाला है। यह ऐसा एप्लीकेशन है जिससे चुनावी कर्मियों की ड्यूटी, लोकेशन से लेकर ट्र्रेंनग तक की सभी जानकारी मिल जाती है।
चुनाव में हजारों कर्मियों की जरूरत होती है। र्पोंलग पर्सन के मैनेजमेंट में यह एप्लीकेशन कारगर साबित हो रहा है। इस प्रक्रिया से हजारों कर्मियों के अलावा जिला प्रशासन व निर्वाचन विभाग के लिए भी राह आसान हो जाती है। इस बार तो वैसे भी चुनाव में कर्मियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने वाली है। इस एप्लीकेशन में चुनावी कर्मियों की सारी डिटेल होती है। रेंडमाइजेशन कर ड्यूटी एलोकेशन भी इसी एप के माध्यम से होता है। इसमें कर्मियों का मोबाइल नंबर, फोटो, पता, किस बूथ पर उनकी ड्यूटी लगी है, सभी जानकारी होती है। कर्मियों को जरूरत पड़ने पर सूचना भी भेजी जा सकती है।
एक सॉफ्टवेयर में चुनावी कर्मियों का डाटा कलेक्ट किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार का डेसबोर्ड होता है। इसमें जिला और राज्यस्तर पर कर्मियों के बारे में जानकारी होती है। किस जिले में कितने कर्मचारी हैं। कितना अधिक और कितना कम हैं। चुनावी कर्मियों को प्रथम नियुक्ति पत्र, द्वितीय और अंतिम नियुक्ति पत्र भी इसके माध्यम से ही दिया जाता है। प्रशिक्षण के लिए ट्र्रेंनग सेंटर के बारे में जानकारी दी जाती है। कर्मियों को एसएमएस भेजा जाता है। विभिन्न प्रकार के रिपोर्ट के अलावा अटेंडेंस शीट भी है। चुनाव के बाद मतगणना वाले दिन कम्युनिकेशन प्लान भी इसमें होता है। मसलन कहां कौन आब्जर्वर हैं। कहां मजिस्ट्रेट तैनात हैं।
यह वेब एप्लीकेशन है
पूर्णिया एनआईसी के वैज्ञानिक (सी) सोम्यव्रत सिन्हा, भागलपुर एनआईसी के वैज्ञानिक कुमार नीलेश और नालंदा एनआईसी के वैज्ञानिक कुमार ज्योति के द्वारा राज्य सूचना विज्ञान पदाधिकारी एवं डीडीजी राजेश कुमार्र ंसह की देखरेख में एप्लीकेशन तैयार किया गया। यह वेब एप्लीकेशन है। इसके अलावा ईपीएमआईएस का मोबाइल एप भी है, जिसमें कर्मियों की उपस्थिति अंकित करने के अलावा उनकी फोटोग्राफी सुनिश्चित की जाती है। पूर्णिया एनआईसी के वैज्ञानिक (सी) सोम्यव्रत सिन्हा बताते हैं कि 2018 में एप्लीकेशन बनाने की शुरुआत हुई। 2019 में लोकसभा इलेक्शन में इसका प्रयोग किया गया। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में कर्मियों के प्रबंधन को आसान बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाने वाला है।