आंगनवाड़ी कार्यकर्ता फर्ज के लिए रोज 18 किमी नाव चलाकर जाती है
नई दिल्ली
महाराष्ट्र के नंदुरबार की एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेलू वासवे, 6 साल से कम उम्र के बच्चों और आंतरिक गांवों में गर्भवती के लिए रोजाना 18 किमी तक नाव चलाकर जाती हैं। वह कहती हैं, "रोजाना इतनी दूर जाना कठिन है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे और गर्भवती महिलाएं पौष्टिक भोजन खाएं और स्वस्थ रहें।"
लोगों की सेवा करने को लेकर रेलू का ये जज्बा सलाम करने लायक है। 27 साल की रेलू वासवे खुद दो बच्चों की मां है। वह रोजाना 18 किलोमीटर नाव चलाकर एक लंबा सफर तय करती हैं, ताकि आदिवासी बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मदद कर सकें और उन तक अपनी सेवाएं पहुचा सकें।
दरअसल रेलू के पास गांव तक पहुंचने का सड़क मार्ग नहीं था इसलिए उन्होंने नाव के जरिए आदिवासी बच्चों व गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने का फैसला किया।रेलू ने बताया कि आमतौर पर आदिवासी महिलाएं, गर्भवती व बच्चे अपने परिवार के साथ हमारे केंद्र पर आते थे लेकिन कोरोना के डर से लोगों ने आना बंद कर दिया। ऐसे में उन्होंने खुद बच्चों व महिलाओं तक भोजन ले जाने का फैसला किया है।