अयोध्या राम मंदिर के इतिहास पर किताब लिख रहे बरेलवी उलेमा

अयोध्या राम मंदिर के इतिहास पर किताब लिख रहे बरेलवी उलेमा

बरेली 
बरेलवी मसलक के उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी राम मंदिर के इतिहास पर किताब लिखने जा रहे हैं। वे ब्रिटिश काल से राम मंदिर निर्माण तक के वाकयों को कलमबद्ध करेंगे। मौलाना का कहना है कि ब्रिटिश काल में भी अयोध्या मसला उठा था, मगर उस समय यह इलाकाई मुद्दा था।

हिन्दुस्तान से बातचीत में तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बताया कि अयोध्या में मस्जिद, मंदिर का मुद्दा 400 साल पुराना है। ब्रिटिश टाइम से इस मसले पर झगड़ा चल रहा था। उस समय मौलाना अब्दुल अजीज नाम के एक शख्स ने इस पर आंदोलन शुरू किया था। ब्रिटिश काल में यह मुद्दा इलाकाई मुद्दे के रूप में देखा जाता था। दूसरे राज्यों में यह मुद्दा नहीं मालूम था।

मौलाना ने बताया कि मैंने 1990-91 में अयोध्या जाकर वहां के ट्रस्ट से जुड़े लोगों से भी बातचीत की थी। मैंने बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी के घर जाकर भी उनसे मुलाकात की थी। तमाम पहलुओं को जाना था। ब्रिटिश काल में मुद्दा कैसे उठा और 1992 में हुए विवाद से लेकर अब तक का मौजूदा हालात पर एक किताब लिखी जा रही है। इस तमाम मुद्दों पर कुछ पन्ने तैयार भी कर लिए गए हैं। किताब का नाम क्या दूं इस पर अभी सोच विचार चल रहा है।

हाशिम अंसारी की गरीबी पर सियासत करते रहे मुस्लिम रहनुमा
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बताया कि जब मैं बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी के घर गया तो देखकर हैरान पड़ गया। छोटा से गिराऊ मकान था, उनके मकान के बराबर वाली बड़ी जगह पर पुलिस बल तैनात थे। पुराना कुर्ता, चप्पल पहनकर जो हाशिम अंसारी मेरे पास आए तो यह देखकर मैं चौक गया था। मुझे लगा था कि कोई पगड़ी बांधे, नवाबी सूट में शख्स मेरे पास आने वाले हैं। उनसे बात की तो वो एकदम सादगी पसंद थे। उनके नाम पर तमाम मुस्लिम रहनुमाओं ने सियासत चली मगर उनकी आर्थिक हालात पर ध्यान नहीं दिया। हाशिम अंसारी ने कौम के लिए काम किया है। मेरी किताब में इन सब वाकयों को लिखा जाएगा ताकि पढ़ने वाले को यह पता चले कि हाशिम अंसारी ने किस तरह से लड़ाई लड़ी।