अमेरिका ने बनाई हाइपरसोनिक मिसाइल, 1600 किमी की दूरी पर हमला
न्यूयोर्क
रूस और चीन की किलर मिसाइलों से टक्कर के लिए अमेरिका ने एक बेहद घातक हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सफलता हासिल की है। यूएस एयरफोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हवा से दागे जाने वाली AGM-183A मिसाइल 8 से 10 हजार किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। यूएस एयरफोर्स में शामिल होने के बाद AGM-183A अमेरिका की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। इसके अलावा अमेरिका एक छोटी हाइपरसोनिक मिसाइल Mayhem पर भी काम कर रहा है।
10 से 12 मिनट में 1600 किमी की दूरी पर हमला
एयरफोर्स मैगजीन को दिए साक्षात्कार में एयरफोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के रणनीतिक मामलों के डायरेक्टर मेजर जनरल एंड्यू गेबरा ने पहली बार पेंटागन के पहले हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में सार्वजनिक रूप से बताया। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल 10 से 12 मिनट में 1600 किमी की दूरी तय कर लेगी। इस मिसाइल की गति 6.5 या 7.5 मैक होगी। बता दें कि ऐसा हथियार जो 5 मैक से ज्यादा की स्पीड से वार करे तो उसे हाइपरसोनिक मिसाइलों में गिना जाता है। इस मिसाइल का परीक्षण जून 2019 से चल रहा है और अक्टूबर 2021 में इसका लाइव परीक्षण किया जाएगा।
B-52 रणनीतिक बॉम्बर्स पर तैनात होगी मिसाइल
ग्लोबल स्ट्राइक कमांड के कमांडर जनरल टिमोथी एम रे ने कहा कि यह मिसाइल पेंटागन की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। यह आने वाले कुछ वर्षों में शुरुआती ऑपरेशनल क्षमता हासिल कर लेगी। इस मिसाइल को अमेरिका के सबसे घातक B-52 रणनीतिक बॉम्बर्स पर तैनात किया जाएगा। इसके लिए बी-52 में काफी बदलाव किया जा रहा है। अमेरिका भले ही हाइपरसोनिक मिसाइल बना रहा हो लेकिन वह अभी भी रूस से काफी पीछे है जिसने 10 मैक और 20 मैक की महास्पीड से मार करने वाली किंझल और एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल बनाई है। रूस ने पिछले हफ्ते ही अपनी तीसरी हाइपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल जिरकॉन का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल ने 8 मैक की स्पीड हासिल की।
रूस के S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से होगी टक्कर
अमेरिका की इस हाइपरसोनिक मिसाइल को केवल रूस का S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ही मात दे सकता है। हालांकि उसके पास भी इस मिसाइल को मार गिराने के लिए केवल 4 मिनट ही होगा। हाइपसोनि मिसाइल को सॉलिड फ्यूल रॉकेट बूस्टर से बनाया गया है। यह बूस्टर मिसाइल को हाइपरसोनिक स्पीड प्रदान करता है। दूसरी ओर सेना और नौसेना ने अपने खुद के हाइपरसोनिक डिलिवरी सिस्टम कॉमन हाइपरसोनिक ग्लाइड बॉडी वीइकल या C-HGB को टेस्ट किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइपरसोनिक मिसाइलों को बनाने के लिए 23 प्रतिशत बजट की वृद्धि की है।