सर्वाधिक कोयला उत्पादन के चलते देश के प्रति एसीसीएल की बड़ी जिम्मेदारी
बिलासपुर। देश की कोयला आवश्यकताओं को पूर्ण करना हमारा दायित्व ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। कोल इण्डिया के कुल उत्पादन में से लगभग एक चौथाई कोयला उत्पादन एसईसीएल करता है। इसलिए देश के प्रति एसईसीएल पर बड़ी जिम्मेदारी है। गेवरा, दीपका और कुसमुण्डा तीनों खुली खदानें एसईसीएल के मेगा प्रोजेक्ट में शामिल हैं। कोयला उत्पादन में तीनों क्षेत्रों की महति भूमिका रही है। उन्होंने कार्य में और अधिक तेजी के साथ दक्षता लाने का सुझाव दिया। कोल इण्डिया के चेयरमेन प्रमोद अग्रवाल गुरूवार को एसईसीएल दौरे पर बिलासपुर पहुंचे जहां से वे गेवरा क्षेत्र पहुँचे। जहां उन्होंने गेवरा खुली खदान का निरीक्षण किया।
कोल इण्डिया चैयरमैन ने एसईसीएल दीपका खुली खदान का निरीक्षण किया। दीपका खुली खदान की खनन प्रक्रिया और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी ली। दीपिका खुली खदान के निरीक्षण के बाद उन्होंने कुसमुण्डा खुली खदान का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोल फेस और व्यूव प्वाईंट से खदान का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उत्पादन-उत्पादकता को बढ़ाने संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। माईन निरीक्षण के दौरान उन्होंने उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को हासिल करने पर भी जोर दिया।
कोल इण्डिया चेयरमेन प्रमोद अग्रवाल के साथ एसईसीएल अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा, निदेशक (कार्मिक) डॉ. आर.एस. झा, मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी.शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) आर.के. निगम, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एम.के. प्रसाद एवं निदेशक (वित्त) एस.एम. चैधरी उपस्थित थे। गेवरा खुली खदान निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक गेवरा क्षेत्र एस.के. पाल, दीपका खुली खदान निरीक्षण दौरान महाप्रबंधक दीपका क्षेत्र डी.के. चन्द्राकर और कुसमुण्डा खुली खदान निरीक्षण दौरान महाप्रबंधक कुसमुण्डा रंजन पी. शाह विशेष रूप से मौजूद थे।