राजस्थान में फिर गुर्जर आंदोलन की आहट से सरकार की बढ़ी चिंता

राजस्थान में फिर गुर्जर आंदोलन की आहट से सरकार की बढ़ी चिंता

जयपुर
कोरोना काल में जहां अभी राज्य सरकार डूंगरपुर उग्र आंदोलन (dungarpur violence ) से पूरी तरह उभरी नहीं है। वहीं इसी बीच एक और आन्दोलन की तैयारी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ये है गुर्जर आंदोलन। जी हां राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन शुरू हो सकता है। एक बार फिर गुर्जरों ने आरक्षण के लिए आंदोलन (gurjar andolan) की हुंकार भर ली है। वहीं इस संबंध में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने सीधे संकेत भी दे दिए हैं। वहीं सरकार को भी बैंसला ने साफतौर पर आंदोलन की अल्टीमेटम भी दे दिया है।

सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर पर महापंचायत
आपको बता दें कि आरक्षण ( Gujjar reservation ) ना मिलने से बैसला काफी नाराज है। उन्होंने यह जानकारी दी है कि 17 अक्टूबर को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में महापंचायत होगी, वहीं से आंदोलन का बिगुल बज सकता है। बैसला ने कहना है कि समाज ने सरकार (Rajasthan ashok gehlot government) को मांगें पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया था जो 27 सितंबर को पूरा हो गया।

अब न्यौता नहीं, लेंगे नियुक्तियां
बैसला ने सरकार को सीधे शब्दों में चुनौती देते हुए कहा कि इस बार हम न्यौते से नहीं नियुक्तियों से मानेंगे। पौने दो साल से सरकार से समझौते की पालना कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक हमारे मुद्दों को सॉल्व नहीं किया गया। अब समाज में आक्रोश है। समाज चुप नहीं बैठेगा। मेरा सरकार से अनुरोध है कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले में फैसला लें। हम सरकार को आश्वासन है कि पूरा सहयोग करेंगे पर हमें न्याय मिलना चाहिए। अन्यथा मुझे ऐसा दिख रहा है कि आंदोलन निश्चित है।