मुंबई की चकाचौंध से दूर साकार होता दिख रहा फिल्म सिटी का सपना
लखनऊ
'ओ मितवा, सुन मितवा तुझको क्या डर है रे, ये धरती अपनी है, अपना अम्बर है रे...' 'लगान' फिल्म के इस चर्चित गाने के साथ पार्श्व गायक उदित नारायण शायद समूचे हिन्दी फिल्म उद्योग की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह भरोसा दिला गए कि सबसे खूबसूरत और बेहतरीन फिल्म सिटी बनाने के सपने को साकार करने के लिए अपनी सरकार के साथ मुख्यमंत्री आगे बढ़ें उन्हें कोई डर, कोई संकोच नहीं होना चाहिए, हम सब उनके साथ हैं।
लखनऊ के पांच कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास....यानि फाइव केडी पर मंगलवार को फिल्मी सितारों का जमघट एक नये सपने को साकार करने के लिए लगा। मगर फिल्मी ग्लैमर के तड़के और मुम्बइया फिल्मी पार्टियों की हाईफाई चकाचौंध से दूर इस जुटान में रामायण, महाभारत, चाणक्य जैसे चर्चित टीवी धारावाहिकों की बात हुई तो कुंभ के सफल आयोजन की भी चर्चा छिड़ी। अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयागराज संगम, चित्रकूट जैसे तीर्थों का जिक्र छिड़ा तो पड़ोसी राज्यों और पड़ोसी देश नेपाल से जुड़े देश की इस सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य की भोजपुरी, अवधी, बुन्देलखंडी, हरियाणवी बोलियों का जिक्र उठा।
प्रधानमंत्री मोदी से हुई मुलाकात की यादें ताजा कीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ के आयोजन से पहले प्रधानमंत्री मोदी से हुई मुलाकात की यादें ताजा करते हुए दुनिया भर से 24 करोड़ लोगों की इस बड़ी जुटान वाले आयोजन में सुरक्षा, साफ-सफाई, तीर्थयात्रियों को आवागमन की सहूलियत देते हुए पूरे आयोजन के दौरान एक भी अनहोनी घटना न होने का हवाला देते हुए फिल्म वालों को यही संदेश दिया कि वह आश्वस्त रहें, यूपी में उनके नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा बनाई जाने वाली फिल्म नगरी में भी उन्हें कोई दिक्कत, कोई परेशानी नहीं होगी।
न्यू जर्सी से ऑनलाइन जुड़ी नमिता ने फिल्म सिटी के निर्माण में बच्चों का भी ध्यान रखे जाने की मासूम अपील की। उनका कहना था कि इस फिल्म सिटी में बच्चों के लिए फिल्म, टीवी कार्यक्रम निर्माण की भी व्यवस्था होनी चाहिए। बॉलीवुड यानि मुंबई की फिल्म नगरी से भी खूबसूरत और अत्याधुनिक फिल्म नगरी बनाने के इस सपने को हकीकत की जमीन पर लाने के लिए तमाम सुझाव सामने आए। चर्चा के दौरान परेश रावल, अनुपम खेर, सतीश कौशिक जैसी वरिष्ठ फिल्मी हस्तियां आनलाइन ही जुड़ीं।
फिल्मी हस्तियों को नीति की प्रतियां उपलब्ध करवाएं
समापन संबोधन में मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में बनाई गई अपनी सरकार की फिल्म नीति का भी जिक्र छेड़ा और अफसरों से कहा कि चर्चा में शामिल सभी फिल्मी हस्तियों को इस नीति की प्रतियां उपलब्ध करवाई जाएं ताकि नीति में अगर कहीं कोई सुधार,संशोधन, बदलाव की जरूरत हो तो वह जरूर बताएं। यूपी फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन, जाने-माने हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव इस गम्भीर चर्चा को अपने हृयूमर नोट पर ले ही आए...बोले--हमारे मुख्यमंत्री को तो यही कहना है कि अगर कोई अपराधी न माने तो ठोंको... तो हमें पूरी उम्मीद है कि फिल्म सिटी में कोई दिक्कत नहीं आएगी और यह सपना साकार होगा।'