मुंबई आतंकी हमले के 11 साल बीते, फिर भी वित्तीय संकट से जूझ रही पीड़िता को नहीं मिला घर
मुंबई
मुंबई में नवंबर 2008 को आंतकी हमले में जीवित बची कम उम्र की पीड़िता देविका रोतावन और उसका परिवार वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। मुंबई टेरर अटैक की पीड़िता और चश्मदीद देविका ने सरकार से वादे निभाने और उसे घर मुहैया कराने की गुहार लगाई है। इतना ही नहीं, देविका ने उसके परिवार को आवास मुहैया कराने और स्नातक की उसकी शिक्षा में मदद के लिए बंबई हाईकोर्ट का रुख किया है और कोर्ट से महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है ।
मुंबई में 12 साल पहले हुए आतंकी हमले की चश्मदीद देविका रोतावन (21) ने 21 अगस्त को एक याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने आशंका जताई है कि उनका परिवार बेघर हो जाएगा, क्योंकि आर्थिक दिक्कतों के कारण वे अपने कमरे का किराया नहीं दे पा रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से देविका ने कहा, 'मैं कई समस्याओं का सामना कर रही हूं, खासकर लॉकडाउन के बाद से। मैं महाराष्ट्र सरकार से मदद मांगती हूं। मुझे उस वक्त सरकार द्वारा बताया गया था कि मुझे एक घर और सभी सहायता दी जाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। मुझे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से 10 लाख रुपये की मदद मिली थी, इसका उपयोग तपेदिक (टीबी) के लिए मेरे इलाज के लिए किया गया था। मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं लेकिन मुझसे पहले किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि मैं मांग करती हूं कि मेरे और मेरे परिवार के लिए एक घर की व्यवस्था की जाए। मेरे मकान मालिक ने मुझसे कहा है कि अगर मैं किराए का भुगतान नहीं करती हूं तो मुझे कहीं और घर तलाशना होगा।
दरअसल, पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मुंबई में कई स्थानों पर 26 नवंबर 2008 को किए गए आतंकी हमले के समय रोतावन नौ साल की थीं। उस दिन वह अपने पिता और भाई के साथ मुंबई सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर थीं। आतंकियों ने रेलवे स्टेशन पर भी हमला किया था। याचिका में कहा गया कि रोतावन के पैर में एक गोली लगी थी, जबकि उसके पिता और भाई भी घायल हो गए थे। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के कारण उसके पिता और भाई के लिए आजीविका चलाना संभव नहीं है।
रोतावन ने अपनी याचिका में कहा है कि हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार के कई अधिकारियों ने उनके घर का दौरा किया था और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) कोटा के तहत आवास मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। याचिका में उसने दावा किया कि शिक्षा के लिए समुचित व्यवस्था और परिवार के सदस्यों के उपचार के लिए वित्तीय सहायता भी देने का आश्वासन दिया गया था।
याचिका में उसने कहा कि वह आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ चले मुकदमे में महत्वपूर्ण गवाह थीं। रोतावन ने ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत आवास की व्यवस्था और अपनी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता को लेकर राज्य सरकार को निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।