मई में 11,718 करोड़ रुपये का किया निवेश, राहत पैकेज के बाद विदेशी निवेशकों का बढ़ा विश्वास

मई में 11,718 करोड़ रुपये का किया निवेश, राहत पैकेज के बाद विदेशी निवेशकों का बढ़ा विश्वास

 नई दिल्ली  
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का रुझान एक बार फिर से भारतीय शेयर बाजार में लौट आया है। कोरोना संकट में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 88,000 करोड़ रुपये की निकासी की थी। एक बार फिर से वह अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। इस साल पहली बार 28, मई तक निवेशकों ने 11,718 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, प्रधानमंत्री की ओर से 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज की घोषणा के बाद विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। बाजार में तेजी का माहौल है और सेंसेक्स 32 हजार के स्तर के पार पहुंच गया है।

एफपीआई द्वारा बाजार में निकासी और निवेश

महीना    निवेश/निकासी
जनवरी    -5,412 करोड़ रुपये
फरवरी    -11,485 करोड़ रुपये
मार्च    -65,817 करोड़ रुपये
अप्रैल    -5,209 करोड़ रुपये
मई    + 11,718 करोड़ रुपये
  
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को चेतावनी दी है कि वह निवेशकों के समक्ष महत्वपूर्ण जानकारियां रखने के प्रति सावधान रहे। सेबी ने पाया है कि टीसीएस ने अमेरिका में एक मामले में हुए नुकसान को लेकर जानकारियों को प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं किया है। यह चेतावनी इसी संदर्भ में है। टीसीएस ने 16 अप्रैल 2016 को शेयर बाजारों को एपिक सिस्टम्स के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार के एक मामले से संबंधित अमेरिकी अदालत के फैसले के बारे में बताया था।
 
सेबी के अनुसार, टीसीएस के द्वारा दी गयी जानकारी से संकेत मिलता है कि उसे इस मामले में विस्कॉन्सिन की एक अदालत में दायर मुकदमे में निर्णायक मंडल का फैसला मिला है। हालांकि इस सार्वजनिक में टीसीएस के खिलाफ लगाये गये 94 करोड़ डॉलर के जुर्माने का उल्लेख नहीं किया गया। कंपनी ने 18 अप्रैल 2016 को अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा करते समय इसे आकस्मिक देनदारियों के हिस्से के रूप में दिखाया था। सेबी ने कहा कि कंपनी को शेयर बाजारों को जानकारी देते समय जुर्माने का प्रमुखता से उल्लेख करना चाहिए था।