पहले चरण में ही जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर, समधिन और दामाद भी हैं मैदान में

पहले चरण में ही जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर, समधिन और दामाद भी हैं मैदान में

पटना 
हम (से) अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा पहले ही चरण के चुनाव में ही दाव पर लगी है। एनडीए के तहत हम पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है, इनमें छह पर पहले चरण में ही चुनाव होने हैं। पार्टी के सभी वीआईपी प्रत्याशी भी पहले चरण में ही मैदान में हैं। इनमें एक इमामगंज से जीतनराम मांझी स्वयं मैदान में हैं। वहीं पूर्व मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल कुमार टेकारी से लड़ रहे हैं। मांझी की समधिन ज्योति देवी बाराचट्टी से और दामाद देवेंद्र मांझी मखदुमपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। 

इन सभी सीटों पर पहले चरण में ही 28 अक्टूबर को मतदान है। इस तरह देखें तो पार्टी और मांझी दोनों की ही प्रतिष्ठा पहले चरण के चुनाव से जुड़ी है। सिकंदरा और कुटुंबा में ही पहले चरण में चुनाव है। इसके अलावा पार्टी कसबा से चुनाव लड़ रही है, जहां पर तीसरे चरण में चुनाव है। हम इससे पहले वर्ष 2015 में विधानसभा का चुनाव लड़ी थी। यह उसका दूसरा विधानसभा चुनाव है। पहले चुनाव में पार्टी के सिर्फ एक सीट पर जीत हुई थी, जहां से मांझी खुद मैदान में थे। 

हम ने दो नये चेहरे उतारे
हम (से) ने एनडीए में अपने कोटे की सात सीटों में से दो पर नये चेहरों को उतारा है। इनमें सिकंदरा से प्रफुल्ल कुमार मांझी और कुटुंबा से श्रवण भुइया शामिल हैं। हम को मिलीं सात सीटों में से पांच सुरक्षित सीटें हैं। इसके अलावा जो दो सीटें मिली हैं, उनमें टेकारी से अनिल कुमार ब्रह्मर्षि तथा कसबा से राजेंद्र यादव प्रत्याशी हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी स्वयं इमामगंज से चुनाव लड़ रहे हैं।