ढाबा संचालक के बेटे को पुलिस ने सकुशल सौंपा परिजनों को

ढाबा संचालक के बेटे को पुलिस ने सकुशल सौंपा परिजनों को

राजनांदगांव
शनिवार की जिले के सोमनी क्षेत्र से रात में अपहरण किए गए ढाबा संचालक के पुत्र के मामले का पुलिस ने जल्द ही पटाक्षेप कर दिया। हालांकि पुलिस अपहरणकतार्ओं तक नहीं पहुंच पाई लेकिन संचालक के बेटे गुरप्रीत को अवश्य सकुशल परिजनों को सौंपने में सफल रही है। गुरप्रीत के नागपुर में सकुशल मिलने के बाद पुलिस ने राहत की सांस इसलिए ली कि वह सकुशल मिल गया, वहीं दूसरी ओर अब अपहरणकतार्ओं को गिरफ्तार करने के लिए उसने अभियान और तेज कर दिया है।

सोमनी के ढाबे से शनिवार की रात में अपहरण किए गए गुरप्रीत को राजनांदगांव पुलिस ने आज उसके परिजनों को सकुशल सौंप दिया। जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम को नागपुर भेजा गया था जहां बच्चे को पुलिस सकुशल लेकर आई थी।

इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज विवेकानंद सिन्हा और पुलिस कप्तान राजनांदगांव डी. श्रवण ने अधिकृत जानकारी देते हुए बताया कि गुरप्रीत की तलाश के लिए पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया था और आरोपियों के मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर टीम उसकी तलाश कर रही थी। उसी दौरान टॉवर लोकेशन नागपुर के पास का मिला जिसके आधार पर पुलिस की एक टीम गुरप्रीत को अपहरण कतार्ओं से छुड़ाने के लिए नागपुर रवाना हुई। जिस लोकेशन पर पुलिस पहुंची वहां पर गुरप्रीत को उनके हाथ लगा लेकिन अपहरणकर्ता उनके हाथ नहीं लगे। वे पुलिस के पहुंचने से पहले भाग चुके थे। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ धारा 363, 364, ए, 348 के  तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी वहीं सुबह नागपुर से गुरप्रीत को लेकर निकली पुलिस की टीम ने परिजनों को सकुशल उनके हवाले कर दिया।

जिले के सोमनी थाना क्षेत्र में शनिवार की रात अज्ञात लोगों ने राजनांदगांव के उड़ता पंजाब ढ़ाबा के संचालक के नाबालिग बेटे गुरप्रीत के साथ विवाद के बाद उसे अपनी कार में अगवा कर फरार हो गए थे। उसके बाद अपहरणकतार्ओं ने गुरप्रीत की मां को फोन कर 50 लाख रुपये की फिरौती मांग की थी। इसकी सूचना पुलिस को जब दी गई, तो तत्काल हरकत में आई पुलिस ने प्रदेश के अन्य जिलों की पुलिस को भी सूचित कर दिया। इसके बाद भिलाई के ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह उर्फ लल्लू पर संदेह की सुई अटक गई थी, लेकिन रविवार को स्वयं ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह राजनांदगांव साइबर सेल के सामने उपस्थित हुआ। जिसके कारण पुलिस की चिंता और बढ़ गई क्योंकि पुलिस को ज्ञानेंद्र पर संदेह था।

आईजी ने इस प्रकरण को काफी गंभीरता से लेते हुए तत्काल पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे जिस पर पुलिस कप्तान ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जेपी बढ़ई और नगर पुलिस अधीक्षक मणिशंकर चंद्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर अपहरण बालक की पतासाजी में अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा था। इसी दौरान पुलिस सायबर की टीम अपहरणकतार्ओं के मोबाइल पर भी नजर रखे हुई थी, जैसे ही लोकेशन मिला टीम को तत्काल नागपुर रवाना किया गया था। गुरप्रीत पुलिस को मिला है वह नागपुर क्षेत्र का बाहरी इलाका है जहां से उनके आंध्रप्रदेश भागने का भी पुलिस को अंदेशा है।