कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर प्रदेश के कांग्रेस नेतओ में उभरे मतभेद
भोपाल
कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन हो इसे लेकर मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं में मत भिन्नता दिखाई दे रहा है, एक वर्ग ऐसा है जो खुलकर सोनिया गांधी की वकालत कर रहे हैं जबकि दूसरा वर्ग राहुल गांधी को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं। इससे अलग हटकर कांग्रेसी नेताओं का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो नेहरू गांधी परिवार से बाहर निकलकर नेतृत्व सौंपने की बात कहते हैं। पार्टी के सैकंड लाइन के नेता यह मान बैठे हैं कि यदि अध्यक्ष पद गांधी-नेहरू परिवार से बाहर गया तो फिर कांग्रेस का दुर्गति के दलदल में और धंस जाना तय है। जबकि कुछ नेताओ का यह भी मानना है कि जब तक नया अध्यक्ष गांधी-नेहरू परिवारसे बाहर का नहीं होगा, तब तक इस दल की दशा और दिशा में कोई बदलाव नहीं होना है।
कांग्रेस पार्टी में बुजुर्ग पीढ़ी के नेता सोनिया गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप मे फिर से देखना चाहती है, युवा चेहरे राहुल गांधी की वकालत कर अपना राजनीतिक केरियर सुरक्षित रखने की जुगाड़ में लगे हुए हैं। इसके साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि कांग्रेस का एक धड़ा एक बार फिर राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी देने की कवायद में जुट गया है। उसे अभी भी राहुल में संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। बस यहीं से वह तथ्य फिर सामने आ जाता है,कि अब कांग्रेस में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कांग्रेस, गांधी बनाम गांधी वाली धुंध में ही हाथ-पांव मार रही है। सोनिया इस पद से हटीं तो बहुत संभव है कि राहुल वहां नजर आ जाएं।इस बीच दिल्ली में कांग्रेश की सीडब्ल्यूसी की बैठक समाप्त होने के बाद खबर यह आ रही है कि पार्टी 6 महीने में संगठन चुनाव संपन्न कराएगी तब तक सोनिया गांधी ही पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेगी।
सोनिया गांधी ही करे पार्टी का नेतृत्व-कमलनाथ
मध्य प्रदेश से पार्टी नेतृत्व को लेकर कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं. कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुलकर सोनिया गांधी को पार्टी का नेतृत्व जारी रखने की मांग की है. पांच गांधियों के साथ काम कर चुके कमलनाथ ने सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है. कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि मैं इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम कर चुका हूं. लगभग 40 साल तक लंबे समय के रूप में संसद सदस्य और कांग्रेस पार्टी का महासचिव रहा हूं.उन्होने सोनिया गांधी के नेतृत्व को नकारने वालों को कहा है कि उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि सोनिया गांधी के खिलाफ तमाम झूठी अफवाह के बावजूद उन्होंने 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत का नेतृत्व किया और अटल बिहारी वाजपेई को घर बैठाया. सोनिया गांधी के नेतृत्व पर कोई भी सुझाव या आक्षेप बेतुका है. कमलनाथ ने सोनिया गांधी से अपील की है कि वे अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी को मजबूती देते हुए कांग्रेस का नेतृत्व जारी रखें.
नेहरू गॉंधी परिवार के बिना कॉंग्रेस की कल्पना भी नहीं
यह समय कॉंग्रेस को एक मत होने का है। मत भिन्नता का नहीं। जिस परिवार ने देश की आज़ादी और उसके बाद जो देश के लिए त्याग और बलिदान किया है वह सर्व विदित है। मीडिया में जो कुछ आ रहा है मैं उस से सहमत नहीं हूँ। नेहरू गॉंधी परिवार के बिना कॉंग्रेस की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता। सोनिया जी का नेतृत्व सर्व मान्य है। यदि सोनिया जी कॉंग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना ही चाहती हैं तो राहुल जी को अपनी ज़िद छोड़ कर अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लेना चाहिए। देश का आम कॉंग्रेस कार्यकर्ता और किसी को स्वीकार नहीं करेगा।
राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें:कुणाल चौधरी
पार्टी के विधायक और युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कहा है कि आजादी से लेकर देश के निर्माण तक गांधी नेहरू परिवार का लंबा इतिहास रहा है इसलिए कांग्रेश अध्यक्ष के रूप में कोई और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वर्तमान में कांग्रेस के भविष्य को लेकर कोई चेहरा है तो राहुल गांधी का है। चुनाव में कभी सफलता और कभी असफलता मिलती है। हिंदुस्तान की मूल भाव को समझने वाले पार्टी के हर नेता और कार्यकर्ता की मूल भावना यही है कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव,समेत कांग्रेस के युवा नेता उमंग सिंघार, जीतू पटवारी, म्नने राहुल गांधी को पार्टी का नेतृत्व करने की मांग की है.इस बीच दिल्ली में 7 घंटे तक लगातार चली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक समाप्त हो गई है। मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बैठक में तय किया गया है कि देश में 6 महीने में पार्टी संगठन का चुनाव संपन्न कराया जाए। तब तक सोनिया गांधी ही अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व संभालती रहेगी।
असली और स्वदेशी गांधी हो-उमा भारती
कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर मची खींचतान पर पूर्व सीएम उमा भारती ने तंज कसते हुये कहा है कि देश मे गांधी नेहरू परिवार का अस्तित्व समाप्त हो गया है, उनका राजनेतिक वर्चस्व समाप्त हो गया है, कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो गया है, अब यह कौन पद पर रहते हैं नहीं रहते, इसका महत्व खत्म हो गया है, इनकी नवाबी चली गई और रिक्शे टांगे चल रहे हैं कांग्रेस को अब गांधी की और वापस लौटना चाहिए, कांग्रेस का पुराना व्यक्ति जो गांधीवादी सोच का हो वह उसका नेतृत्व करें.वह असली और स्वदेशी गांधी वादी हो.
हेडमास्टर का बेटा ही कक्षा में टॉप-नरोत्तम
कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी को लेकर तंज कसा है. मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस एक ऐसा स्कूल है, जहां सिर्फ हेडमास्टर का बेटा ही टॉप करता है. मीडिया के साथ बातचीत के दौरान मिश्रा ने यह कटाक्ष किया. उन्होंने अपने बयान में कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर भी निशाना साधा.