उच्च शिक्षा विभाग ने समस्याओं के निराकरण के लिए बनाई टीम
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग की यूजी की प्रथम चरण काउंसलिंग के पंजीयन और सत्यापन पर विराम लग गया है। प्रथम चरण की काउंसलिंग में करीब 11 हजार शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसमें से करीब 90 फीसदी हल हो चुकी हैं।
काउंसलिंग में विद्यार्थियों को समस्याओं का निराकरण करने विभाग ने अपने स्तर मनोज अग्निहोत्री, राकेश श्रीवास्तव, आलोका वर्मा, अलोक निगम, अखिलेश कुमार शर्मा को पदस्थ किया है। वहीं, सभांग स्तर पर अतिरिक्त संचालक को प्रोफेसरों की टीम बनाकर कॉलेजों में भेजने के आदेश दिए गए हैं। आॅनलाइन काउंसलिंग में विद्यार्थियों को काफी परेशानी आई है। इसलिए विभाग ने विद्यार्थियों की मदद के लिए कंट्रोल तैयार किए हैं। दो नंबरों पर विभाग को करीब साढ़े 11 हजार शिकायतें मिलती थीं, जिन्हें फटाफट निराकृत किया गया। इससे विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में ज्यादा परेशानी नहीं उठाना पड़ेगी।
वहीं, छात्राओं को आॅनलाइन प्रवेश लेने 50 रुपए के पोर्टल चार्ज की छूट दे रखी है। इसके बाद भी कियोस्क संचालक छात्राओं से 50-50 रुपए ले सकते हैं। इसलिए विभाग ने उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराने की व्यवस्था कराई है। यहां तक जरुरत होने पर एमपीआनलाइन शासन का पोर्टल होने के उनकी आईडी तक बंद कराई जाएगी। इससे वे भविष्य में कियोस्क का संचालन भी नहीं कर पाएंगे।
विभाग ने प्रवेश संबंधी कोई भी परेशानी होने पर राज्य स्तरी कांट्रोल बनाया है। साढ़े तीन हजार विद्यार्थियों ने 0755-2554763 पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, एमपी आॅनलाइन कियोस्क संबंधी शिकायत 0755-6720201 नंबर पर दर्ज होना थी, जिसमें करीब साढ़े सात हजार विद्यार्थियों ने तकनीकी शिकायतें दर्ज कराई थी, जिसमें उन्हें तत्काल निराकृत किया गया।
लाइव चैटिंग से मिलेगी तकनीकी सलाह: विभाग ने अपने पोर्टल पर ई-प्रवेश सहायता (लाइव चैटिंग) की व्यवस्था की है। इसमें विद्यार्थी को आनलाइन प्रवेश लेने में कोई तकनीकी समस्या आती है, तो वह लाइव चैटिंग पर जाकर आपनी समस्या को लिखेंगे, तो उन्हे तत्काल अपनी समस्या का आंसर मिल जाएगा।